रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर दोनों को श्रद्धासुमन अर्पित विनम्र श्रद्धांजलि दी.

सीएम भूपेश बघेल ने दो अक्टूबर को पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है. मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री सच्चे गांधीवादी थे, उन्होंने अपना जीवन सादगी से बिताया और गरीबों की सेवा में अर्पित किया. भारतीय स्वाधीनता संग्राम में उनका महत्वपूर्ण योगदान था. उन्होंने वर्ष 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय देश को कुशल नेतृत्व प्रदान किया और ‘जय जवान-जय किसान’ का नारा देकर जनता का मनोबल बढ़ाया, जिससे सारा देश एकजुट हो गया. बघेल ने शास्त्री को याद करते हुए उन्हें नमन किया है.

भूपेश ने 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के अवसर पर उन्हें नमन करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किए हैं. उन्होंने कहा है कि राष्ट्रपिता को याद करने, श्रद्धासुमन अर्पित करने और नमन करने से हमारा काम खत्म नहीं होता बल्कि यहां से हमारा काम शुरू होता है. बघेल ने कहा कि गांधी के दिखाए गए मार्ग पर चलते हुए ग्राम स्वराज के लक्ष्य को साधने के लिए हमने ग्राम सुराजी योजना शुरू की है और नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी को नये रूप में विकसित करने का काम शुरू किया है. मुख्यमंत्री सुपोषण योजना और सार्वभौम पीडीएस से हमने तय किया है कि न कोई भूखे पेट सोने को मजबूर हो और न ही पोषण युक्त आहार से वंचित रहे. हमने कुपोषण के खिलाफ निर्णायक जंग का ऐलान किया है जो गांधीवादी सत्याग्रह की राह पर चलेगी. गांधी ने सबकी अच्छी सेहत के लिए कई प्रयोग किए इसलिए हमने सार्वभौम स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिता दी है. छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना, मुख्यमंत्री शहरी श्रम स्वास्थ्य योजना के माध्यम से हम अंतिम व्यक्ति तक पहुंचेंगे। महात्मा गांधी की करूणा को हमने सरकार का मूलमंत्र बनाया है.

बघेल ने महात्मा गांधी के छत्तीसगढ़ प्रवास को याद करते हुए कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान छत्तीसगढ़ में उनके कंडेल आने की खबर ने ही किसानों को जीत दिला दी. छत्तीसगढ़ में अछूतोद्यार यात्रा के लिए गांधी का छत्तीसगढ़ आना और गंजडबरी के सतनामी आश्रम, रायपुर के जैतूसाव मठ में गांधी द्वारा की गई सभा, बिलासपुर के बैतलपुर के कुष्ठ आश्रम में महात्मा गांधी की यादें आज भी जीवंत हैं. गांधी के छत्तीसगढ़ आगमन ने महिलाओं, विद्यार्थियों, सफाई कर्मचारियों सहित सभी नागरिकों को देश प्रेम के नये जोश और ऊर्जा से भर दिया और प्रदेश में सत्य-अहिंसा, समरसता और सांप्रदायिक सद्भाव की अलख जगायी. बघेल ने कहा कि हम सब मिलकर गांधीजी के सपने को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे और उनके पदचिन्हों पर चलते हुए ‘नया छत्तीसगढ़‘ गढ़ेंगे.