आशुतोष तिवारी, जगदलपुर। बस्तर अब बदल रहा है, नक्सली अब कम हो रहे है. बस्तर शांति की ओर जा रहा है. लोगों को रोजगार मिल रहा है, शासन की योजनाओं का लाभ मिल रहा है. रोजगार मिलने से बस्तर बदल रहा है. नक्सलवाद से लोगों ने तौबा कर लिया है. बस्तर में प्रमुख मांग बैंक और स्कूलों की हो रही है. यह बात भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के तहत बस्तर पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कही.

जगदलपुर के सर्किट हाउस में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के साथ सरकार द्वारा किए गए कार्यों को मीडिया के सामने रखा. उन्होंने कहा कि कहा कि नरवा के कामों की मॉनिटरिंग कलेक्टर करें, चाहे वे वन क्षेत्रों में भी हों. जमीन एवं वनों के वास्तविक स्वामी आदिवासी हैं, वन विभाग की जिम्मेदारी प्रबंधक की है.

नक्सलवाद के समाधान पर कहा कि बस्तर के लोगों और प्रशासन की योजनाओं के दूर थे. विश्वास नहीं था, अब जब शासन की योजनाओं का लाभ स्थानीयों को मिलने लगा है, इस वजह से नक्सलवाद में कमी आई है. और अब ज्यादा गोली चलाने की जरूरत नहीं पड़ रही है. गोली का जवाब गोली नहीं, लोगों को रोजगार, मूलभूत योजनाओं के लाभ मिलने से अब कमी आ रही है.

नाला पर काम करने अधिकारियों को निर्देश

इसके पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अधिकारियों की समीक्षा बैठक में कहा कि हमें मूलरूप से नाला पर काम करना जरूरी है. खेती का समय आ रहा है. पानी की आवश्यकता सभी को है, यदि पानी की कमी रही तो जानवर शहरों का रुख करते हैं, पक्षी पलायन करते हैं. उन्होंने कहा कि लोगों की आय में जबरदस्त वृद्धि दर्ज हुई है. हमारी नीतियों का लाभ मिल रहा है. खेती के प्रति आकर्षण बढ़ गया है तो पानी की जरूरत बढ़ी है.

उद्योग मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा, सांसद दीपक बैज, संसदीय सचिव रेखचन्द जैन, बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल , विधायक राजमन बेंजाम, मुख्यमंत्री के सचिव सिदार्थ कोमल सिंह परदेशी सहित अधिकारी बैठक में मौजूद हैं.

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