रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बुधवार को दुर्ग जिले के पाटन तहसील के ग्राम अमलेश्वर में ‘पढ़ई तुहार दुआर‘ योजना के तहत संचालित मोहल्ला क्लास के बच्चों के पास पहुंचे. उन्होंने हिंदी, गणित और पर्यावरण से जुड़े प्रश्न पूछे, जिनका बच्चों ने बखूबी जवाब दिया. मुख्यमंत्री के कहने पर एक छात्रा ने तुलसीदास का दोहा सुनाया, तो दूसरे बच्चे ने 18 का पहाड़ा सुनाया.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर बच्चों को पर्यावरण के प्रति सचेत करते हुए कहा कि आपको न केवल पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक रहना है, अपितु अन्य लोगों को भी संरक्षण के लिए प्रेरित करना है. उदाहरण के लिए आपके गांव के पास से खारुन नदी बहती है. उसमें लोग प्लास्टिक डाल देते हैं, जब भी ऐसा देखें तो लोगों को आगाह करें, उन्हें बताएं कि यह पर्यावरण के लिए कितना खतरनाक है. उन्होंने बताया कि पानी का प्रदूषण बेहद खतरनाक हो सकता है. 80 प्रतिशत बीमारियां दूषित पानी से होती हैं. हम पर्यावरण के प्रति जितने जागरूक रहेंगे, उतने ही स्वस्थ रहेंगे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया में बच्चे पर्यावरण के प्रति बेहद सजग हैं. यूरोप में तो इसके लिए आंदोलन भी किये गए हैं. उन्होंने कहा कि पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड का अवशोषण करते हैं. जितने पेड़ होंगे, ग्लोबल वार्मिंग उतनी ही घट जाएगी. उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से ग्लेशियर पिघल रहे हैं. समुद्र का जलस्तर बढ़ जाता है. इससे समुद्र तट के किनारे के शहरों के डूबने की आशंका बनती है. इसे रोकने अधिकाधिक पेड़ लगाने जरूरी हैं. उन्होंने कहा कि हम सब छत्तीसगढ़ महतारी की संतान हैं. हम सब शक्तिशाली होंगे तो हमारा राज्य मजबूत होगा.

बच्चों ने इस दौरान ढोलक, तबला जैसी संगीत सामग्री की मांग की, जिस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही आप लोगों को यह सामग्री मिल जाएगी. इस मौके पर संभागायुक्त टीसी महावर, कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे, एसपी प्रशांत ठाकुर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.