रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि संत कवि पवन दीवान एक कवि, भागवताचार्य और राजनेता के रूप में समूचे छत्तीसगढ़ में सभी वर्ग के लोगों में काफी लोकप्रिय थे. लोग उनके भागवत कथा के सरस प्रवचन, छत्तीसगढ़ की गौरवपूर्ण संस्कृति से ओत-प्रोत कविता और छत्तीसगढ़ की समृद्धि और विकास की परिकल्पना से युक्त भाषण को सुनने के लिए हमेशा लालायित रहते थे.

मुख्यमंत्री बघेल मंगलवार को राजधानी रायपुर के समता कॉलोनी में स्थित विप्र सांस्कृतिक भवन में संत पवन दीवान के चतुर्थ पुण्य स्मृति पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा एवं सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे. इसका आयोजन छत्तीसगढ़ी ब्राम्हण समाज के तत्वाधान में विप्र सांस्कृतिक भवन प्रबंध समिति द्वारा किया गया था. कार्यक्रम में दो कवि तथा साहित्यकारों श्री दानेश्वर शर्मा और श्री रामेश्वर वैष्णव को संत पवन दीवान सम्मान से सम्मानित भी किया गया. इसके अलावा डॉ. परदेशी राम वर्मा द्वारा रचित संत कवि पवन दीवान-साहित्य संचयन का विमोचन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने की. इस अवसर पर कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे.

मुख्यमंत्री बघेल ने सम्बोधित करते हुए कहा कि समाज के दलित तथा शोषित वर्गों के उद्धार सहित छत्तीसगढ़ के स्वभिमान तथा प्रतिष्ठा और समृद्धि में संत कवि पवन दीवान के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता. उनके काव्य संसार में आदिवासी मजदूर और किसान को सर्वाधिक महत्ता प्राप्त है. उनकी कविताओं में छत्तीसगढ़ के गौरव और माटी की वंदना है. इन कविताओं में समता, एकता के लिए प्रगतिशील जनवादी जीवन मूल्यों और सार्थक राजनीति की जरूरत का रेखांकन भी है. मुख्यमंत्री बघेल ने अवगत कराया कि छत्तीसगढ़ सरकार इन महान मनीषियों के बताए राह पर चलकर राज्य के चहुंमुखी विकास को निरन्तर गति दी जा रही है. उन्होंने राज्य में उनके महान योगदानों को चिरस्थायी बनाने के लिए नवा रायपुर के विभिन्न चौक-चौराहों में इनकी मूर्तियां स्थापित कर महान विभूतियों के नाम पर नामकरण किए जाने आवश्यक पहल की भी जानकारी दी.

मुख्यमंत्री बघेल ने बताया कि प्रदेश में प्रायमरी से लेकर हायर सेकेण्डरी स्कूल तक के पाठ्यक्रमों में इनकी जीवनी तथा योगदानों को शामिल करने के लिए आवश्यक पहल हो रही है. उन्होंने संत पवन दीवान की मंशा के अनुरूप चंदखुरी में माता कौशल्या मंदिर के जीर्णोद्धार सहित विकास और प्रदेश में राम वन गमन पथ का हो रहे विकास के बारे में भी अवगत कराया.

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विधानसभा अध्यक्ष डॉ. महंत ने संत पवन दीवान को छत्तीसगढ़ का सशरीर चिन्हारी बताया. साथ ही छत्तीसगढ़ की माटी के लिए उनके योगदान के बारे में विस्तार से अवगत कराया. इस अवसर पर कृषि तथा जल संसाधन मंत्री चौबे ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति और अस्मिता के लिए संत कवि और राजनेता के रूप में उनके योगदान के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला.

उन्होंने बताया कि उनकी शैली, ठहाके लगाकर हंसना और बड़ी दमदार आवाज में निरंतर कविता पाठ करना आज भी हमारे जेहन में है. इस अवसर पर विधायक विकास उपाध्याय, नगर पालिक निगम रायपुर के सभापित प्रमोद दुबे, नरेन्द्र तिवारी, पार्षद ज्ञानेश शर्मा, पार्षद मृत्युंजय दुबे, व्यास नारायण शुक्ला, एम.डी. दीवान, कमलेश तिवारी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी, विनय तिवारी, संजय दीवान सहित गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे.