रायपुर। सारकेगुडा मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसी को भी नहीं बख्शने की बात कही है. सीएम भूपेश बघेल का बयान 2012 की घटना में तत्कालीन अध्यक्ष नंदकुमार पटेल पार्टी की ओर से गए थे, उसके बाद न्यायिक आयोग का गठन किया गया था. 2019 में जांच रिपोर्ट आई है. 17 निर्दोष आदिवासियों के मौत के लिए जिम्मेदारों पर कार्यवाई होगी.

विधानसभा के शीतकालीन सत्र के समापन के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि विपक्ष ने विशेषाधिकार हनन की सूचना दी है. जो आज इतना शोर कर रहे थे, वे अब तक मौन क्यों रहे, कार्रवाई क्यों नहीं की. सरकार को किसी भी आयोग की रिपोर्ट 6 माह के भीतर विधानसभा के पटल पर रखने का अधिकार है.

उन्होंने कहा कि आयोग की रिपोर्ट में तथ्यात्मक बातें आई है, उस पर विपक्ष को आपत्ति है. रिपोर्ट में 6 माह का समय रहता. अगले सत्र में फैसला होना चाहिए. उन्होंने कहा कि नान पर रमन सिंह ने प्रश्न लगाया कि वकीलों को कितनी फीस दी गई. नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी अध्यक्ष जांच रोकने पीआईएल लगाते हैं. यह पहली बार है जब बीजेपी के अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष जांच रोकने पीआईएल लगाते हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि गिरीश शर्मा जिसके पास सबसे ज्यादा पैसा पकड़ा गया, उसी के वकील धरमलाल के वकील हैं. बाहर से वकील हम भी लाये हैं, आप तो बाहर के लोगों को एडवोकेट जनरल बनाते थे. उन्होंने बताया कि सत्र के अंतिम दिन दो विश्वविद्यालय का बिल पारित हुआ है. नंदकुमार पटेल विश्विद्यालय रायगढ़ और महात्मा गांधी कृषि विश्विद्यालय, अब दोनों ही अस्तित्व में आएंगे.