रायपुर. आरक्षण के मुद्दे पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने फिर बीजेपी पर निशाना साधा है. आरक्षण को लेकर राजभवन द्वारा सरकार से पूछे गए प्रश्न पर सीएम ने कहा कि न्यायपालिका, विधायिका सभी के अधिकार क्षेत्र संविधान में स्पष्ट हैं. विधानसभा पौने तीन करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करती है. क्या विधिक सलाहकार विधानसभा से बड़ा हो गया है ? जो विधानसभा में पारित हो गया, फिर सवाल क्यों ?

सीएम ने कहा कि जो सवाल पूछे गए, हमने जवाब दिया, फिर पूछेंगे, फिर जवाब दे देंगे. लेकिन इससे जो विलंब हो रहा है, उससे छात्रों को बड़ा नुकसान हो रहा है. इसकी वजह से सभी को आरक्षण का नुकसान हो रहा है. छत्तीसगढ़ सरकार ने जो बिल प्रस्तुत किया, उसमें पूर्व में भारत सरकार की सिफारिश थी, उसे अमल में लाया गया. इसमें सवाल पूछने का अधिकार ही नहीं था, फिर भी हमने जवाब दिया.

किसे नहीं मिलना चाहिए आरक्षण ?

भूपेश बघेल ने कहा कि राज्यपाल ने मुझसे कहा था कि विशेष सत्र बुला लीजिए, अध्यादेश भेज दीजिए, मैं दस्तखत कर दूंगी. लेकिन अब क्या हो गया ? किसको आरक्षण नहीं मिलना चाहिए ? पिछड़े वर्ग को नहीं मिलना चाहिए कि EWS को नहीं मिलना चाहिए ? ये बताएं. सीएम ने कहा कि ये विधिक सलाहकार कौन है ? जो विधानसभा के फैसले पर उंगली उठाए. ये न्यायालय का अधिकार है.

हेड काउंट के आधार पर दिया आरक्षण- सीएम

मुख्यमंत्री ने कहा कि हेड काउंट के आधार पर हमने आरक्षण दिया है. उस पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. जो काम न्यायपालिका का है वो राजभवन की ओर से हो रहा है. उन्होंने जो भी प्रोसेस कहा, हमने आरक्षण के लिए सब किया. हमने संवैधानिक व्यवस्था से बाहर जाकर कुछ भी नहीं किया है.