सूरजपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को प्रतापपुर में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि अधिकारी मुस्तैदी से काम करें और जनता के प्रति जवाबदार बनें. काम में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इसी के साथ सीएम ने गुड गवर्नेंस का तरीका बताया. सीएम बघेल भेंट-मुलाकात अभियान के तहत शुक्रवार को प्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र के भ्रमण के बाद प्रतापपुर पहुंचे थे.

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस इलाके में पानी की कमी की स्थिति है. इस पर सीएम ने भूजल स्तर में कमी को दूर करने पर विशेष ध्यान देने को कहा. साथ ही नरवा के काम तेजी से पूरे करने को कहा. प्रतापपुर सर्किट हाउस में आयोजित बैठक में नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ.शिवकुमार डहरिया, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ.प्रेमसाय सिंह टेकाम, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू उपस्थित थे.

सरकारी बिल्डिंग में वाटर हार्वेस्टिंग

बैठक में मुख्यमंत्री ने बताया कि हेलीकाप्टर से आते समय देखा एक नाला सूख गया है. पर ट्रीटमेंट वाले नाला में पानी है. नरवा योजना के तहत नालों का ट्रीटमेंट तेजी से करें. सीएम ने कहा कि प्रतापपुर में सरकारी बिल्डिंग में रेन वाटर हार्वेस्टिंग रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि रायपुर शहर के बाद सूरजपुर पहला जिला है, जहां 800 फ़ीट में पानी नहीं है. वाटर रिचार्जिंग पर ध्यान दें, बिना झिझक के अच्छा काम करें.

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सीएम ने बताया गुड गवर्नेंस का तरीका

सीएम बघेल ने कहा कि वन भूमि में जिन लोगों का 13 दिसंबर 2005 के पहले से कब्जा है उन सभी को फारेस्ट लेंड पट्टा मिल जाए. भ्रमण के दौरान राजस्व विभाग की शिकायतें मिली, उनका निराकरण करें. पटवारी की शिकायते ज्यादा हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि आवर्ती चराई के लिए पहाड़ी, बस्ती से दूर गौठान बन रहे है, इस पर अधिकारी ध्यान दें. गांवों के नजदीक गौठान बनाए. गौठान योजना में गड़बड़ी या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इसी तरह गरीब लोगों के राशनकार्ड अवश्य बनाए जाएं. यदि किसी गरीब को राशन कार्ड न मिले तो ये हमारी गलती है. यदि कोई समस्या है तो अधिकारियों को अवगत कराइये. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से यह भी कहा कि लोगों से उनकी भाषा में बात करिए उनको अच्छा लगेगा. गुड गवर्नेंस का यही तरीका है.

शिकायत के लिए ऑनलाइन कॉल सेंटर

सीएम ने कहा कि जिले के प्रभारी सचिव समीक्षा कर यह सुनिश्चित करें कि जितनी भी घोषणाएं की गई हैं, निर्देश दिए गए हैं, वे पूरे हों. शिकायत निवारण के लिए ऑनलाइन कॉल सेंटर खोले जाएंगे। नादियों से बालू की अवैध खुदाई के मामलों में कड़ाई से करवाई की जाएगी. अवैध उत्खनन पर कड़ाई से कार्रवाई होगी.