रायपुर। ऐसा लगा जैसे कोई अपना, अपने ही घर आया है. आप संविधान की रक्षक हैं, आपके आगमन से छत्तीसगढ़ के लोग बहुत सुरक्षित महसूस कर रहे हैं. यह बात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ब्रम्हकुमारी सेवा सरोवर में आयोजित ‘सकारात्मक परिवर्तन वर्ष 2023’ कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का आत्मीय स्वागत करते हुए कही.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रपति का आगमन छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए बहुत गौरव का क्षण है. उनकी इस यात्रा के लिए मैं छत्तीसगढ़ के तीन करोड़ नागरिकों की ओर से आपको बहुत धन्यवाद देता हूं. आज राष्ट्रपति, पूरे देश की मुखिया के आगमन से हम छत्तीसगढ़ के लोग विशेष आत्मीयता का अनुभव कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि यह प्रदेश एक आदिवासी प्रदेश है, अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोग भी बहुत बड़ी संख्या में यहां निवास करते हैं. यह प्रदेश किसानों का प्रदेश है, यह वंचितों का प्रदेश है. सभी वंचितों को न्याय मिले, यह संविधान की भावना है.

राष्ट्रपति के गृह प्रदेश ओडिशा का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की बहुत लंबी सीमा ओडिशा से लगती है, इसलिए उत्कल संस्कृति के साथ हमारी सबसे अधिक साझेदारी है. हमारा रहन-सहन, खान-पान, आचार-विचार सबकुछ एक जैसा है. यहां तक की हमारा संघर्ष भी ओडिशा के वंचितों के संघर्ष जैसा ही है.

भूपेश बघेल ने कहा कि यह बड़ा ही शुभअवसर है. रक्षाबंधन का समय है. प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के सकारात्मक परिवर्तन वर्ष का आज शुभारंभ भी हो रहा है. सामाजिक और आध्यात्मिक परिवर्तन की दिशा में इस संस्थान द्वारा किए जा रहे प्रयासों में यथासंभव भागीदार बनने के लिए प्रयत्नशील रहता हूं.

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश की नीतियों, योजनाओं और कार्यक्रमों के संचालन में प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय का आध्यात्मिक मार्गदर्शन हमें मिलता रहा है. मैं इसके लिए इस मंच से आभार व्यक्त करता हूं.