यशवंत साहू, दुर्ग। नंदिनी के खाली खदानों में मानव निर्मित जंगल को विकसित किया गया है. लगभग 3.30 करोड़ रुपए की लागत से इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए डीएमएफ तथा अन्य मदों से राशि ली गई है. निष्प्रयोज्य माइंस एरिया को नेचुरल हैबिटैट में बदलने के इस जीवंत उदाहरण का मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 15 सितंबर को शुभारंभ करेंगे.

कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने शनिवार को मुख्यमंत्री के आगमन को देखते हुए क्षेत्र का निरीक्षण किया. डीएफओ धम्मशील गणवीर ने विस्तार से प्रोजेक्ट की जानकारी देते हुए कहा कि 83000 पौधे लगाये जा चुके हैं. 3 साल में यह क्षेत्र पूरी तरह जंगल के रूप में विकसित हो जाएगा. यहां पर विविध प्रजाति के पौधे लगने की वजह से यहां का प्राकृतिक परिवेश बेहद समृद्ध होगा.

गणवीर ने बताया कि यहां पर पीपल, बरगद जैसे पेड़ लगाए गये हैं, जिनकी उम्र काफी अधिक होती है. इसके साथ ही हर्रा, बेहड़ा, महुवा जैसे औषधि पेड़ भी लगाए गये हैं.

पक्षियों के लिए आदर्श रहवास

गणवीर ने बताया कि पूरे प्रोजेक्ट को इस तरह से विकसित किया गया है कि यह पक्षियों के लिए भी आदर्श रहवास बनेगा तथा पक्षियों के पार्क के रूप में विकसित होगा. यहां पर एक बहुत बड़ा वेटलैंड है जहां पर पहले ही विसलिंग डक्स, ओपन बिल स्टार्कआदि लक्षित किए गए हैं, यहां झील को तथा नजदीकी परिवेश को पक्षियों के ब्रीडिंग ग्राउंड के रूप में विकसित होगा.

इको टूरिज्म का होगा विकास

इसके साथ ही इस मानव निर्मित जंगल में घूमने के लिए भी विशेष व्यवस्था होगी। इसके लिए भी आवश्यक कार्य योजना बनाई गई है ताकि यह छत्तीसगढ़ ही नहीं अपितु देश के सबसे बेहतरीन घूमने की जगह में शामिल हो सके।

अहिवारा महाविद्यालय के नये भवन का भी लोकार्पण

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने प्रवास के दौरान अहिवारा में 4 करोड़ 83 लाख रुपए की लागत से बनाए गए महाविद्यालय भवन और लगभग 1.30 करोड़ की लागत से बनाए गए रेस्ट हाउस की भी लोकार्पण करेंगे. कलेक्टर ने इसका भी निरीक्षण किया. इस दौरान एसडीएम बृजेश क्षत्रिय एवं अन्य अधिकारी भी मौजूद थे.