नई दिल्ली- मंत्रीमंडल गठन की प्रक्रिया में जुटे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राज्य में मंत्री बनाए जाने के लिए हमारी सीमा है. हम 13 से ज्यादा मंत्री नहीं बना सकते. जनसंख्या के आधार पर ये मानक तय किए गए हैं. विधानसभा में सदस्यों की संख्या का 15 फीसदी ही मंत्री बनाये जा सकते हैं, लेकिन 15 फीसदी की इस संवैधानिक बाध्यता को खत्म कर इसे 20 फीसदी किया जाना चाहिए. इसे लेकर मैं जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखूंगा. चिट्ठी लिखकर यह मांग उठाई जाएगी.

भूपेश बघेल इन दिनों दिल्ली में है, जहां राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से चर्चा करने के बाद मंत्रीमंडल को अंतिम रूप देंगे. दिल्ली दौरे पर गए भूपेश बघेल ने लल्लूराम डाॅट काम से हुई बातचीत में कहा कि-
भौगोलिक रूप से हमारा राज्य तमिलनाडू से बड़ा है, लेकिन तमिलनाडू में 38 मंत्री हैं. वहां जनसंख्या के आधार पर इतने मंत्री बनाए जा सकते हैं, लिहाजा भौगोलिक स्थिति के आधार पर छत्तीसगढ़ में  मंत्री बनाए जाने चाहिए. मंत्री बनाने के लिए सिर्फ जनसंख्या ही आधार न बने, बल्कि भौगोलिक संतुलन के आधार पर भी मंत्री होने चाहिए. छत्तीसगढ़ में फिलहाल 15 फीसदी की संवैधानिक बाध्यता की वजह से 13 से ज्यादा मंत्री नहीं बनाए जा सकते. फिलहाल हम जल्द ही मंत्रीमंडल का गठन कर लेंगे. मंत्रीमंडल में क्षेत्र, जाति सबका समावेश किया जाएगा.
कांग्रेस सरकार में इस वक्त मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अलावा टी एस सिंहदेव और ताम्रध्वज साहू मंत्री बनाए जा चुके हैं. दस मंत्री और बनाए जाने हैं. ज्यादातर वरिष्ठ नेता चुनाव जीतकर आए हैं. ऐसे में कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती इस बात को लेकर है कि किसे छोड़े और किसे मंत्रीमंडल में शामिल करें. यही वजह है कि मंत्रीमंडल के गठन को लेकर इतना वक्त लग रहा है.