रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर राज्य के लघु और मध्यम व्यवसायियों को राहत प्रदान करने का अनुरोध किया है. छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ कामर्स एण्ड इण्डट्रीज के अनुरोध पर बघेल ने केन्द्र सरकार से व्यवसायियों को विभिन्न विवरणियों को प्रस्तुत करने की तिथियों में दो माह के लिए बढ़ाने की मांग की है. इसके अलावा ऋण के मूलधन और ब्याज की किश्तों के भुगतान की समय-सीमा को कम से कम 3 माह के लिए स्थगित करने पर विचार करने को कहा है.
मुख्यमंत्री बघेल ने केन्द्रीय वित्त मंत्री को पत्र में लिखा है कि कोविड-19 महामारी की दूसरी और अधिक घातक लहर को रोकने के लिए छत्तीसगढ़ में 9 अप्रैल से 6 मई की सुबह तक पूर्ण कटेनमेंट जोन घोषित किये जाने के कारण राज्य में आर्थिक गतिविधियां एवं व्यापार-व्यवसाय लगभग बंद है. इससे राज्य में लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यवसायियों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है. इस आर्थिक परेशानी में छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने कारोबारियों की सहायता के लिए कुछ फौरी राहतों की मांग की है.
बघेल ने लिखा है कि अप्रैल माह वित्तीय वर्ष 2021-22 का प्रथम माह होने के कारण टीडीएस एवं टीसीएस एक्ट में कई अनुपालनों की तिथियां निर्धारित है. ऐसे समय में व्यवसायियों के अपने खातों का मिलान कर विभिन्न प्रकार की विवरणियों को निर्धारित समय-सीमा में प्रस्तुत कर पाना संभव नहीं हो पा रहा है. इनके कार्यालयों के साथ प्रतिष्ठानों में कार्यरत एकाउंटेंट, डाटा एंट्री ऑपरेटर, प्रबंधन स्टाफ भी कोविड से संक्रमित होने के कारण या तो होम आइसोलेशन में है अथवा अस्पताल में हैं. यही नहीं व्यवसायियों के विभिन्न कर सलाहकार जैसे- चार्टर्ड एकाउंटेंट, कंपनी सेक्रेटरी, कर सलाहकार भी इस महामारी से संक्रमित होने के कारण अपनी सेवाएं नहीं दे पा रहे हैं. परिस्थितियों को देखते हुए चैम्बर ने अप्रैल एवं मई माह की विभिन्न तिथियों को आगामी 2 माह के लिए बढ़ाने की मांग की है.
मुख्यमंत्री ने लिखा है कि राज्य में वर्तमान में व्यापार-व्यवसायों के लगभग बंद होने जैसी स्थिति के कारण व्यवसाय एवं उद्योगों का नकदी प्रवाह बुरी तरह प्रभावित हुआ है, ऐसे में स्थिति में सुधार में लगने वाले समय को ध्यान में रखते हुए कारोबार के लिए लिए लिए गए ऋण के मूलधन एवं ब्याज की किश्तों के भुगतान की समय-सीमा में व्यवसायियों को कम से कम 3 माह की स्थगन अवधि प्रदान किये जाने पर विचार किया जाए. उन्होंने कहा कि चैम्बर ऑफ कॉमर्स की दोनों मांगों से राज्य शासन पूर्णतः सहमत है.