भोपाल। इतना रूप बदलने वाला प्रधानमंत्री मैंने आजतक नहीं देखा. जो लोग बार-बार रूप बदलकर आते है उसे बहरूपिया कहते हैं. ये लोग वोट के खातिर क्या-क्या करेंगे पता नहीं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज सीहोर के चरनाल गांव में  आम सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला किया. भूपेश बघेल ने कहा कि ये लोकतंत्र है, प्रजातंत्र है, इसमें सवाल पूछे जाते हैं. विधायक के लिए खड़े होते है तो हम पूछते है आपने सड़क क्यों नहीं बनाया. अगर पंचायत में सरपंच के लिए खड़े होते है तो पूछते आपने सीसी रोड क्यों नहीं बनाया. लेकिन नरेंद्र मोदी की राज में सवाल पूछना अपराध है.

यदि भाजपा आरएसएस से सवाल करो तो धर्मद्रोही, अगर नरेंद्र मोदी और अमित शाह से सवाल करो तो राष्ट्रद्रोही लेकिन हम तो सवाल पूछेंगे साहब. ये लोग इस 70 साल के प्रजातंत्र को कमजोर करना चाहते हैं. अगर सवाल पूछना अपराध है तो भूपेश बघेल भी अपराधी है. सीएम बघेल ने भोपाल संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार दिग्विजय सिंह के लिए वोट मांगे.

पांच साल पहले किए वादों का जवाब दीजिए

नरेंद्र मोदी ने पांच साल पहले जो वादे किए थे उसे हम याद दिलाना चाहते हैं. सवाल है विदेश से काला धन क्यों नहीं आया. सबके खाते में 15-15 जमा क्यों नहीं हुआ. किसानों को स्वामीनाथन आयोग के अनुसार फसल की कीमत क्यों नहीं मिला. हमारे 2 करोड़ नौजवानों को रोजगार क्यों नहीं मिला. पेट्रोल के भाव क्यों कम नहीं हुए. नीरव मोदी, मेहुल चौकसी व ललित मोदी आपके राज में कैसे भाग गया. बुलेट ट्रेन कैसे नहीं चला. गंगा सफाई की कसम खाई थी क्यों नहीं हुआ.पुलवामा में 40 जवान कैसे शहीद हो गए.

पुलवामा हमले की जांच क्यों नहीं हुई

मुख्यमंत्री बघेल ने पुलवामा आतंकी हमले को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से तीखे सवाल किए. मुख्यमंत्री ने पूछा कि आरडीएक्स लेकर सुरक्षा घेरे के बीच से कैसे आतंकियों की गाड़ी निकल गई. हमारे 40 जवान हमारे शहीद हो गए आजतक उसका जांच क्यों नहीं हुआ. जब होटल ताज हमले के समय सूट बदलने पर गृहमंत्री का इस्तीफा हो जाता है. लेकिन आप दो घंटे तक शूटिंग करते रहे. इस्तीफा क्यों नहीं हुआ. इमरान खान मोदी की तारीफ क्यों करते हैं और नरेंद्र मोदी बिना बुलाए पाकिस्तान क्यों जाते हैं.

राष्ट्रवाद की परिभाषा मत बदलो

जो मजदूर बिल्डिंग बनाता है, किसान हल चलाता है, अन्न उपजाकर भूख मिटाता है वो राष्ट्रवाद नहीं है क्या. शिक्षक स्कूल में पढ़ाई कराते है, दुकानदार हमारी जरूरते पूरा करता है. क्या नरेंद्र मोदी की तारीफ करना राष्ट्रवाद है. तो हम ऐसे राष्ट्रवाद को नहीं मानते. हम जोड़ने की बात करते हैं. ये लोग तोड़ने की बात करते हैं. हमारे नेताओं ने खून बहाया, इन लोग तो अंगूठा भी नहीं कटाया. पांच साल में जो वादे किए थे उसे पूरा नहीं किया.