रायपुर- राजधानी के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित सरस मेले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का छत्तीसगढ़ी अंदाज वहां मौजूद लोगों के लिये आकर्षण का विषय बन गया. मेले का उद्घाटन करने के बाद जब मुख्यमंत्री स्टालों का अवलोकन कर रहे थे,उस समय का नजारा देखने लायक था. स्टालों के अवलोकन के दौरान सीएम ने तुरही नामक वाद्ययंत्र को बजाकर भी देखा. रायगढ़ जिले के एकताल ग्राम की पदमा बाई के स्टॉल में मुख्यमंत्री ने बेलमेटल से निर्मित तुरही को देखा,तो वे इसे उठाकर बजाने लगे. शंख ध्वनि करने वाले इस वाद्य यंत्र का उपयोग छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में मंदिरों और मड़ई मेलों में लोक संगीत और नृत्य के दौरान किया जाता है.इसके अलावा मुख्यमंत्री ने समूह की महिलाओं द्वारा निर्मित अलग-अलग खाद्य सामग्रियों का स्वाद भी लिया.
इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार आएगा और बहनों को रोजगार मिलेगा. गांव में निर्मित वस्तुओं की पूरे देश भर में बिक्री होगी और स्व सहायता समूहों द्वारा निर्मित खाद्य सामग्रियों का आनंद ग्राहकों को भी मिलेगा. ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग और जिला पंचायत रायपुर द्वारा आगामी 5 फरवरी तक चलने वाले इस आठ दिवसीय मेले का आयोजन किया गया है.मेले में महिला स्व सहायता समूहों द्वारा उत्पादित सामग्रियों का विक्रय सह प्रदर्शन किया गया है.
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ी भाषा में जनता को संबोधित करते हुए कहा कि इस प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ के बीजापुर से लेकर सरगुजा तक की बहनें भागीदारी कर रही हैं, इसके साथ ही साथ महाराष्ट्र, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असम, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, हरियाणा, जम्मू एवं कश्मीर, उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड की महिला स्व सहायता समूह और अन्य उद्यमियों ने भी प्रदर्शनी में हिस्सा लिया है.मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ की चार चिन्हारी नरवा, गरुवा, घुरवा और बाड़ी को बचाने के लिए महिला स्व सहायता समूहों की बहनों से सहयोग का आव्हान किया. उन्होंने कहा कि गौ पालन हमारी परंपरागत ग्रामीण व्यवस्था का अभिन्न अंग रहा है.उन्होंने कहा कि रायपुर जिले के धनेली गांव में गोठान और चारागाह को मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा. यहां पशुओं के लिए पेयजल और सेड की व्यवस्था की जाएगी. निकट भविष्य में यह केंद्र दूध कलेक्शन और विक्रय के केंद्र के रूप में विकसित होंगे. इसी तरह प्रदेश के सभी गांवों का विकास किया जाएगा.
नगरीय प्रशासन एवं श्रम मंत्री डॉ शिव कुमार डेहरिया ने कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी हो और गढ़वो नवा छत्तीसगढ़ में सहभागी बने. उन्होंने यह भी बताया कि विभिन्न विभागों में जेम पोर्टल की जगह विभिन्न वस्तुओं की खरीददारी छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम सीएसआईडीसी के माध्यम से की जाएगी इससे कुटीर उद्योगों को भी लाभ होगा.
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