रायपुर। जेन मन कभू अजादी के लड़ई म भाग नइ ले हे, वो मन ह रास्ट्रवाद के सर्टिफिकेट बाँटत हे. उँखर मन के रास्ट्रवाद गाँधी के रास्ट्रवाद नोहय, कोनो संत-महात्मा मन के रास्ट्रवाद नोहय. उँखर रास्ट्रवाद मन असहमति के कोनो स्थान नइहे. उमन गाँधी के घलोक बात करते अउ गोडसे के. गाँधी ल अपनाय बर गोडसे ल छोड़े ल परही. छत्तीसगढ़ी में ये तमाम बातें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरएसएस, भाजपा और मोदी सरकार निशाना साधते हुए गाँधी विचार पदयात्रा के दौरान विधायक सत्यनारायण के विधानसभा क्षेत्र में डूंडा आयोजित कार्यक्रम में कही.

भूपेश बघेल ने गाँधी के विचारों, सिद्धांतों और आदर्शों का ज़िक्र करते हुए सीधे तौर संघ, भाजपा और मोदी सरकार को राष्ट्रवाद के मुद्दे पर आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा, कि आज राष्ट्रवाद के नाम देश को बाँटने की कोशिश हो रही है. दो तरह के राष्ट्रवाद संघ-भाजपा के केंद्र सरकार ने आज बना दिए हैं, जिस राष्ट्रवाद की बात वे करते हैं, वह गाँधी का राष्ट्रवाद नहीं है. उनके राष्ट्रवाद में असहमित प्रकट करने वालों को देशद्रोही करार दे दिया जाता है. अगर आप उनके विचारों के ख़िलाफ़ जाएंगे तो आप पर एफआईआर दर्ज हो जाएगी.

इसके साथ ही भूपेश बघेल ने क्षेत्रवासियों को बताया कि गाँधी और कांग्रेस का राष्ट्रवाद क्या है. उन्होंने कहा, कि कांग्रेस पार्टी गाँधी के राष्ट्रवाद पर चलने वाली पार्टी है. गाँधी के राष्ट्रवाद में सबके लिए, सबके हित में कार्य है. सहमति और अहसमति सभी को जगह है. कांग्रेस ग्राम स्वराज के साथ प्रदेश और देश के विकास पर काम कर रही है. हमने नारा दिया है- छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी, नरवा-गरवा, घुरवा-बारी. इसी सूत्र वाक्य के साथ नवा छत्तीसगढ़ को गढ़ने में लगे हैं.

इसके साथ ही उन्होंने भगवान राम को लेकर होने वाली राजनीति पर संघ और भाजपा को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा, कि राम तो कांग्रेसियों के कण-कण में हैं. गाँधी के विचारों में राम ही राम थे. उनके भजन रघुपति राघव राजा राम में राम, उन्होंने अंतिम क्षण में कहा, हे राम ! राम तो हमारे जीवन में है. वे तो राम के नाम पर सिर्फ़ वोट बंटोरने का काम करते हैं, जबकि राम तो भारतीय सभ्यता और संस्कृति के प्रतीक हैं. छत्तीसगढ़ तो पूरी तरह से राम मय रहा है. राम की माता कौशल्या छत्तीसगढ़ की बेटी, भगवान राम छत्तीसगढ़वासियों के भाँजे, यहाँ शबरी के राम हैं, वनवासियों के राम हैैं, यहाँ सुबह-सुबह राम-राम है, यहाँ समय राम-राम है. इसलिए राम को हमने राजनीति का हिस्सा नहीं बनाया, क्योंकि हमने राम को आत्मसात किया है. अंत में उन्होंने डूँडा में बढ़िया आयोजन के विधायक सत्यनारायण शर्मा को बधाई दी.