रायपुर- जल जीवन मिशन के टेंडर में कथित गड़बड़ी की शिकायत के बाद भूपेश सरकार अब नए सिरे से टेंडर जारी करेगी, लेकिन इस बार टेंडर सेंट्रलाइज्ड नहीं होकर डिस्ट्रिक्ट लेवल पर किए जाएंगे. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि जल्द ही इसे लेकर हम केंद्र सरकार को पत्र लिखने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि कई राज्यों में टेंडर इसी तरह जारी किए गए हैं. पूर्व में जारी टेंडर में भारी गड़बड़ी पर भूपेश बघेल ने कहा कि जब किसी को एक पैसा भी नहीं गया, तो गड़बड़ी कैसे हो गई? टेंडर में ऐसी गड़बड़ी रमन सिंह के वक्त होती थी, जब कवर्धा में एक टेंडर निरस्त होने के बाद गड़बड़ी करने वालों को ही टेंडर दे दिया गया था. गड़बड़ी इसे कहते हैं.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि टेंडर हमने इसलिए निरस्त किया था क्योंकि बलरामपुर के ठेकेदार को सुकमा, तो दंतेवाड़ा के ठेकेदार को सूरजपुर में काम दे दिया गया, जबकि छोटे-छोटे काम स्थानीय स्तर पर दिए जाने चाहिए. कई मंत्रियों,विधायकों और ठेकेदारों ने इसे लेकर शिकायत की थी. सेंट्रलाइज्ड टेंडर की बजाए जब डिस्ट्रिक्ट लेवल पर टेंडर निकाले जाएंगे, तो इसका फायदा ज्यादा होगा. पाइपलाइन का ट्रांसपोर्टेशन, स्कील्ड लेबर दूरदराज के इलाकों में लेकर जाने से भार ज्यादा पड़ेगा.
बता दें कि करीब सात हजार करोड़ रूपए के विवादास्पद ठेके को भूपेश कैबिनेट में रद्द कर दिया गया था. चूंकि शिकायत भारी गड़बड़ी की थी, लिहाजा मुख्य सचिव की अध्य़क्षता में एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन किया गया था. इस बीच शुक्रवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुख्य सचिव वाली कमेटी के साथ एक बैठक की थी, जिसमें केंद्र की गाइडलाइन से लेकर टेंडर की तकनीकी मसलों पर विस्तार से चर्चा की गई. इस बैठक में ही यह निष्कर्ष निकला कि टेंडर सेंट्रलाइज्ड की बजाए डिस्ट्रिक्ट लेवल पर जारी किया जाए. आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि केंद्र की मूल योजना के मुताबिक हर जिले में ग्रामीणों की मांग के अनुसार जल जीवन मिशन के तहत कनेक्शन को मंजूरी दी जानी है. इसके लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में टेंडर कमेटियां बनाई जाएंगी.