रायपुर। भाजपा नेता और चैंबर ऑफ कॉमर्स के के संरक्षक श्रीचंद सुंदरानी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखा है. सुंदरानी ने अपने पत्र में लॉकडाउन से प्रभावित व्यापार के संबंध में बातें कही. लिहाजा उन्होंने मुख्यमंत्री मांग की है कि 21 अप्रैल से कारोबार शुरू करने कुछ छूट दी जाए.

उन्होंने अपने पत्र में लिखा है-

आदरणीय मुख्यमंत्री जी

एक पत्र आपको व्यक्तिगत रूप से लिख रहा हूं.  यह पत्र राजनीति से ऊपर उठकर हे मेरे व्यक्तिगत विचार हैं.  उचित लगे तो आप इस पर निर्णय लीजिएगा.  यह निर्णय प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ाने में सिद्ध होगा. ऐसा लगता है ईश्वर की कृपा से हम प्रदेश में 20 अप्रैल तक बहुत सामान्य स्थिति तक पहुंच जाएंगे. 21 अप्रैल से कुछ व्यापार को कुछ समय के लिए खोलने की अनुमति दे देंगे तो व्यापारी, मजदूर, कर्मचारी, ट्रांसपोर्टर्स सहित हर उस तबके के लिए अच्छा होगा जो कि कारोबार बंद होने से बुरी तरह प्रभावित हैं.

उन्होंने आगे यह भी लिखा है कि- व्यापारी सोशल डिस्टेंस का कड़ाई से पालन करेंगे. सरकारी निर्देशों के मुताबिक ही व्यापार करेंगे. जिस तरह से दवा, सब्जी, दूध, किराना के लिए कुछ समय के लिए छूट दी गई है, उसी प्रकार से अन्य व्यापार को छूट देते हैं तो प्रदेश को राजस्व भी मिलेगा और लोगों को रोजगार भी.  गर्मी का सीजन एवं शादियों का सीजन ऐसा होता है जिसमें व्यापारी साल भर का 40% व्यापार कर लेता है. भारी मात्रा में स्टॉक भी एकत्रित करता है. जैसे-ऑटोमोबाइल, कपड़ा, सर्राफा, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक का स्टॉक व्यापारियों के गोदामों में भरा हुआ है.

सुंदरानी ने सीएम से निवेदन करते हुए कहते हैं कि- आपने कृषि उपकरण एवं खाद्य बीज के साथ उपरोक्त वस्तुओं के व्यापार के साथ अन्य अन्य जिन व्यापारियों में सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखते हुए कारोबार करने प्रातः 10:00 बजे से 4:00 बजे तक की छूट दी है, तो फिर मुझे लगता है किराना और सब्जी में जितनी भीड़ इकट्ठी होती है, उससे 10% भी भीड़ इन व्यापार में इकट्ठे नहीं होती.

वहीं उन्होंने शराब दुकान नहीं खोलने का निवेदन भी किया है. पत्र में वे लिखते हैं कि- मैं आपसे यह भी निवेदन करना चाहता हूँ कि  किसी भी कीमत पर फिलहाल शराब दुकान नहीं खोली जानी चाहिए. शराब दुकानों पर भारी भीड़ जमा होने के कारण सोशल डिस्टेंस को मेंटेन नहीं किया जा सकता. विशुद्ध रूप से यह मेरे व्यक्तिगत विचार है. इसको राजनीतिक आधार पर न लिया जाए. प्रदेश के हित में है मुझे लगता है ऐसे कुछ निर्णय लेने से हमारा प्रदेश मजबूत होकर पूरे देश को संदेश देने का काम करेगा. मुझे विश्वास है कि आप मेरे इस पत्र को राजनीतिक नजरिए से नहीं देखेंगे.
धन्यवाद
जय हिंद, जय छत्तीसगढ़. जय जोहार.