रायपुर। प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में रायपुर प्रेस क्लब पहुंचे सीएम भूपेश बघेल ने अपने 10 माह के कार्यों की उपलब्धियां गिनाई. सीएम ने कहा कि खुशी है हमारी 10 माह की सरकार छत्तीसगढ़ महतारी की झोली में कई उपलब्धियां डालने में सफल हुई है. जिसकी कमी हमेशा महसूस होती रही. मीडिया के माध्यम से हमारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने में सफल रहे हैं. जहां देशभर में मंदी का दौर है, रोजगार जा रहे हैं, ऐसे में यहां स्थिति काफी बेहतर है. ऑटो सेक्टर मोबाइल में राष्ट्रीय स्तर पर गिरावट आई है लेकिन यहां जमकर खरीदी हुई.

उन्होंने कहा ऋण माफ करके एक दिशा देने की हमने कोशिश की. बहुत सारे सेक्टर में यहां तेजी आई है. आय बढ़ाने का काम हमने किया. तेंदूपत्ता तोड़ने वालों को भी लाभ दिया गया. लोगो की क्रय शक्ति बढ़ाने का काम हमने किया है. अर्थव्यवस्था के किस प्रकार से सुधार किया जाए इसको लेकर लगातार काम किया जा रहा है. बेरोजगारी दूर हो इस दिशा में छत्तीसगढ़ की सरकार काम कर रही है. 25 सौ रुपये में धान खरीदी किया इससेे किसानों के जेब मे पैसे बचे.

सीएम ने कहा सुपोषित छत्तीसगढ़ का अभियान 2 अक्टूबर से शुरू करने जा रहे है. बच्चे कुपोषण का शिकार है महिलाएं एनीमिया से पीड़ित है. जहां लोगों को गरम भोजन दिया जाएगा. पहले सुपोषित बस्तर का अभियान हमने छेड़ा था. बस्तर में पहले जो खबरें आती थी इस साल बस्तर में 200 प्रतिशत ज्यादा बारिश है फिर भी किसी बीमारी की शिकायत नहीं है. यह जनजागरूकता का कार्यक्रम. स्लम एरिया में 2 अक्टूबर से मुख्यमंत्री क्लिनिक की शुरुआत करने जा रहे है. कर्जा माफी एक योजना थी जिसे अच्छे से संचालित किया था. इसके लिए पहले ऑडिट किया गया.

पत्रकार सुरक्षा कानून के लिए कमेटी गठित

मुख्यमंत्री ने पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर कहा कि पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने के लिए भी एक प्रक्रिया होती है जो जारी है पिछले दिनों एक बैठक हुई है. हम चाहते है ऐसा कानून बने जिसे दूसरे राज्य जल्द अपना ले. हम एक अच्छा कानून बनाने जा रहे हैं. एक पत्रकार के साथ उसका मालिक नही खड़ा रहता यह दुर्भाग्यजनक है. कानून के लिए जस्टिस आलम की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर दी गयी है. पूरे देश की निगाह इसको लेकर टिकी हुई है.

नक्सल पीड़ितों से बातचीत

नक्सल मुद्दे पर सीएम भूपेश बघेल ने खुलकर कहा, उन्होंने कहा, “नक्सली क्यों आये ये देखना चाहिए. नक्सलियों ने यह कहा था शोषण के खिलाफ लड़ाई लड़ने आये हैं लेकिन आज वो क्या कर रहे हैं यह सबको पता है. आज तक किसी भी सरकार ने नक्सलियों से पीड़ित लोगों से बात नहीं की लेकिन हमने यह सिलसिला शुरू किया है. हम सब से बात कर रहे हैं. इन लोगों से किसी ने बात नहीं की. उस इलाकों के लोग उस समस्या को ज्यादा समझेंगे. जो नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं, उनसे बात नहीं की लेकिन हम बात कह रहे हैं.