रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र में कहा है कि देश वर्तमान में COVID-19 वायरस प्रभावित आपदा से जूझ र रहा है. छत्तीसगढ़ देश के सर्वप्रथम राज्यों में से एक हैं, जहाँ 18 मार्च को COVID-19 का पहला मरीज मिलने के बाद 21 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई थी. आपके निर्णयानुसार राज्य में 14 अप्रैल तक पूर्ण “लॉकडाउन” की स्थिति लागू रहेगी. उन्होंने कहा कि इसके बाद यदि लॉकडाउन को खोला जाता है, तो कोरोना वायरस और फैल सकता है. इसलिए अनुरोध है कि पहले व्यापक विचार विमर्श कर फैसला ले, जिससे वायरस को नियंत्रण में रखा जा सके. 

पत्र में आगे लिखा गया है कि छत्तीसगढ़ राज्य में 4 अप्रैल तक कुल 1590 व्यक्तियों के सैम्पल लिये गये थे. जिनमें से 1375 व्यक्ति के परिणाम निगेटिव, 205 की जांच जारी और 10 व्यक्ति COVID-19 वायरस से पीड़ित पाये गये थे. इन 10 व्यक्तियों में से आज तक 8 व्यक्ति ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं. बाकी बचे 2 मरीजों की हालत सामान्य बनी हुई है. राज्य में अभी तक कोरोना वायरस से किसी की भी मौत नहीं हई है और न ही कोई गंभीर रूप से संक्रमित है.

शासन की ओर से किये गये उपायों और अनुशासित जन के सहयोग से अभी तक स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन देश के अन्य भागों में कोरोना वायरस पीड़ितों की संख्या में निरन्तर वृद्धि हो रही है. जैसे-जैसे कोरोना टेस्ट की संख्या बढ़ेगी, संक्रमितों की संख्या में निरंतर वृद्धि होने की पूर्ण संभावना है.

देश में यदि 14 अप्रैल के पश्चात ट्रेन, वायु यातायात और अन्तर्राज्यीय सड़क परिवहन आरंभ किया जाता है तो यह संभावना है कि छत्तीसगढ़ में अन्य राज्यों से कोरोना संक्रमित व्यक्ति आ सकते है. जिसमें राज्य को नई कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है. इसी तरह की स्थितियां अन्य राज्यों में भी उत्पन्न होने की पूर्ण संभावना है.

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि अन्तर्राज्यीय आवागमन को आरंभ करने के निर्णय लेने से पहले व्यापक विचार विमर्श कर ऐसे ठोस उपाय कर लिये जाए. जिससे कि पूरे देश में कोरोना (COVID-19) के फैलने की स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सके.