चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस में संकट बरकरार है. अंतर्कलह के कारण पार्टी में बिखराव आ गया है. गुरुवार को हुई मीटिंग के बाद नवजोत सिंह सिद्धू को मनाने का फॉर्मूला निकल गया था, लेकिन अब अचानक मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का आज दिल्ली जाने का कार्यक्रम बन गया है. यहां वे पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे. बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू ने 28 सितंबर को पंजाब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था.
सिद्धू के इस्तीफे के बाद चन्नी की वरिष्ठ नेताओं के साथ होगी पहली बैठक
सिद्धू के इस्तीफे के बाद चन्नी की वरिष्ठ नेताओं से ये पहली मीटिंग है. चर्चा है कि सिद्धू को मनाने के लिए जो रास्ता निकाला गया, उससे सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. जनता के बीच भी सरकार को लेकर गलत संदेश जा सकता है. इसी को लेकर CM चन्नी दिल्ली जा रहे हैं. दरअसल सिद्धू को मनाने की जिम्मेदारी चन्नी को दी गई थी. गुरुवार को चन्नी और सिद्धू की मुलाकात हुई थी. अब इसी की रिपोर्ट वे हाईकमान को सौंपेंगे. जानकारी के मुताबिक, सिद्धू को मनाने के लिए जो फॉर्मूला निकाला गया, उसके तहत सिद्धू पंजाब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बने रहेंगे और सरकार के बड़े फैसलों में उनका दखल रहेगा.
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सिद्धू ने DGP इकबालप्रीत सहोता को हटाने की मांग की थी. सरकार का कहना है कि उन्हें सिर्फ एडिशनल चार्ज दिया गया है और कागजों में दिनकर गुप्ता ही DGP हैं, लेकिन वे अभी छुट्टी पर हैं. CM चरणजीत चन्नी से सिद्धू की मीटिंग के बाद 10 नाम UPSC को भेज दिए गए हैं. वहां से 3 नाम फाइनल होंगे, उनमें से कोई एक DGP बनाया जाएगा.
श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और उससे जुड़े गोलीकांड के केसों की जांच के लिए बनेगी टीम
नए एडवोकेट जनरल (AG) एपीएस देयोल को हटाना एकदम संभव नहीं है. गवर्नर की तरफ से नोटिफिकेशन जारी होने के बाद उन्हें नियुक्त किया गया है, इसलिए सिद्धू की मांग को देखते हुए रास्ता निकाला गया है कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और उससे जुड़े गोलीकांड के केसों की जांच के लिए सरकार नई टीम तैयार करेगी.
पंजाब के अगले DGP के लिए भेजे गए 10 नामों में सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय, दिनकर गुप्ता, वीके भावरा, एमके तिवारी, प्रबोद कुमार, रोहित चौधरी, इकबालप्रीत सहोता, संजीव कालड़ा, पराग जैन और बीके उप्पल शामिल हैं.
सिद्धू का रहा कई फैसलों में दखल
सिद्धू की जिद के कारण सुनील जाखड़ को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद गंवाना पड़ा. इसके बाद 18 सितंबर को कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी, जिसके बाद चन्नी सीएम बने. सुखजिंदर रंधावा भी सिद्धू के विरोध के चलते CM नहीं बन सके. तो डिप्टी सीएम पद के लिए ब्रह्म मोहिंदरा का पत्ता सिद्धू ने आखिरी वक्त पर कटवा दिया.
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चन्नी दिल्ली में केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों से भी मिल सकते हैं. यह मुलाकात धान की खरीदी शुरू नहीं किए जाने के संबंध में हो सकती है.
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