मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को सचिवालय में पंचायतीराज विभाग की बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि नव-निर्वाचित ग्राम प्रधानों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों और जिला पंचायत सदस्यों को आधुनिक तकनीकी, वित्तीय प्रबंधन और शासन प्रणाली आदि का प्रशिक्षण दिया जाए. उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को पूर्ण करने की दिशा में सबको समेकित प्रयास करने होंगे। गांवों के विकास से ही प्रदेश और देश का विकास संभव है.
मुख्यमंत्री ने राज्य में ‘एकीकृत पंचायत भवनों’ का निर्माण कराने के निर्देश दिए. इन एकीकृत पंचायत भवनों में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, पटवारी, आशा वर्करों आदि के लिए एक स्थान पर ही व्यवस्था होगी. इनके वहां एक साथ बैठने के लिए रोस्टर भी बनाया जाए. इससे लोगों को सभी सुविधाएं एक ही स्थान पर मिल जाएंगी.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों एवं जिला पंचायतों में बजट नियोजन को और बेहतर बनाया जाए. यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी ग्राम पंचायतों का सुनियोजित विकास हो. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पंचायतीराज विभाग यह भी आंकलन करें कि आगामी 15 वर्षों में कितना ग्रामीण क्षेत्र शहरी क्षेत्र में परिवर्तित होगा. यह आंकलन राज्य के समग्र विकास की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम सभाओं के स्थापना दिवस उत्सव के रूप में मनाए जाने के लिए ग्रामवासियों से संवाद किया जाए. इसके लिए नियमित कैलेंडर बनाया जाए. ग्राम स्तर पर होने वाले मेले, मिलन कार्यक्रम, प्रबुद्धजनों की जयंती और अन्य विशेष दिनों में भी यह स्थापना दिवस मनाया जा सकता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र एवं जिला पंचायत में समेकित एवं संतुलित विकास किया जाए. इसका ध्यान रखा जाए कि कोई क्षेत्र या व्यक्ति विकास योजनाओं से वंचित न रहे.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत स्तर पर सभी योजनाओं की रीयल टाइम मॉनिटरिंग हो. पंचायतों में ई-गवर्नेंस को बढ़ावा दिया जाए। सभी पंचायतों के कार्यों का ऑडिट हो और सार्वजनिक पोर्टल पर उपलब्ध कराया जाए. उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में आम जनता की राय और भागीदारी को प्राथमिकता दी जाए. हर पंचायत स्तर पर शिकायत दर्ज करने और समाधान का एक निश्चित समयबद्ध ढ़ांचा तैयार किया जाए.
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