पतंजलि विश्वविद्यालय, हरिद्वार में आयोजित 62वें अखिल भारतीय शास्त्रोत्सव के समापन सत्र में सीएम धामी शामिल हुए. इस अवसर पर संस्कृत ग्राम योजना का शुभारंभ किया. साथ ही सत्र को संबोधित करते हुए सनातन संस्कृति एवं भारतीय आध्यात्मिक विज्ञान के संबंध में अपने विचार रखे.

सीएम ने अपने संबोधन में कहा कि देववाणी संस्कृत भारतीय संस्कृति, परंपरा और ज्ञान का आधार स्तंभ है. यह वह पवित्र भाषा है, जिसमें हमारे प्राचीन ग्रंथों वेद, उपनिषद, पुराण, महाकाव्य और शास्त्रों की रचना हुई है.

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संस्कृत का योगदान केवल धार्मिक ग्रंथों तक सीमित नहीं है, बल्कि विज्ञान, गणित, चिकित्सा, खगोलशास्त्र और दर्शनशास्त्र जैसे विषयों में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है.