देहरादून. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जी.एम.एस रोड स्थित होटल में उत्तराखण्ड के व्यंजनों और खानपान पर आधारित फिल्म ‘मीठी’ मां कु आशीर्वाद का पोस्टर और प्रोमो रिलीज किया. उन्होंने फिल्म को नई पीढ़ी को अपने परम्परागत व्यंजनों, खानपान एवं संस्कृति से परिचित कराने का प्रयास बताते हुए कहा कि यह फिल्म महिलाओं के हुनर को बढ़ावा देने का माध्यम बनेगी. हमारे पारंपरिक व्यंजन और संस्कृति को पहचान दिलाने में भी यह फिल्म महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

उन्होंने कहा कि इस फिल्म की कहानी केवल एक महिला की नहीं, बल्कि उन सभी महिलाओं की कहानी है, जो अपने संघर्ष से समाज, प्रदेश और देश का नाम रोशन कर रही हैं. आज हमारी मातृशक्ति स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देकर इसे पहचान दिलाने का कार्य कर रही है. हमारे स्थानीय उत्पादों की पहचान और मांग देश और दुनिया में बढ़ रही है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह फिल्म हमारे व्यंजनों और संस्कृति को देश और दुनिया में नई पहचान दिलाने का काम करेगी. हम फिल्मों के माध्यम से अपनी सांस्कृतिक धरोहर को भी संजो सकते हैं. फिल्म निर्माण के लिए उत्तराखण्ड फिल्म निर्माताओं की पहली पसंद बनता जा रहा है. पिछले वर्ष राज्य में 250 से अधिक फिल्मों का निर्माण हुआ है. उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास उत्तराखण्ड को फिल्म निर्माण का हब बनाने का है. फिल्मांकन के लिए पूरा उत्तराखण्ड ही डेस्टिनेशन है. राज्य में फिल्म निर्माण के लिए फिल्म उद्योग को बढ़ावा देने का लगातार प्रयास किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 2024 की फिल्म नीति को मंजूरी दे दी गई है. इससे हमारे पर्यटन स्थलों को देश दुनिया में नई पहचान मिलेगी. नई फिल्म नीति के तहत स्थानीय फिल्मों के लिए 2 करोड़ रुपए का अनुदान दिया जा रहा है. फिल्मांकन के लिए सिंगल विंडो सिस्टम बनाया गया है, ताकि फिल्म निर्माताओं को सुविधा हो. फिल्मों और ओटीटी की शूटिंग पर भी सब्सिडी दी जा रही है.

सरकार द्वारा फिल्म उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए कई अन्य योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमारे कलाकार अपनी प्रतिभा के बल पर फिल्म जगत में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना सकें, इसके भी प्रयास किए जा रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार स्थानीय कलाकारों एवं संस्कृति कर्मियों की मदद के लिए प्रतिबद्ध है. प्रसिद्ध गढ़वाली फिल्मों की अभिनेत्री गीता उनियाल को उनकी बीमारी के दौरान भी हरसंभव मदद की गई थी.

उन्होंने कहा कि अभी उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद का अपना कोई अलग से भवन और ऑडिटोरियम नहीं है. इसके लिए गढ़ी कैंट स्थित हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र में स्थान की व्यवस्था के प्रयास किए जाएंगे. ताकि स्थानीय कलाकारों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का एक मंच मिल सके. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने दो मोबाइल थिएटर को हरी झंडी दिखाकर पर्वतीय क्षेत्रों के लिए रवाना किया.