Ankita Bhandari murder case. उत्तराखंड की कोटद्वार कोर्ट ने अंकिता भंडारी हत्याकांड (Ankita Bhandari murder case) मामले में 3 कातिल पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही 50-50 हजार का अर्थदंड लगाया है. इसे लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि बेटियों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.

सीएम धामी ने कहा कि बेटी अंकिता के साथ हुए अमानवीय कृत्य पर माननीय न्यायालय का फैसला न्याय व्यवस्था में आमजन के विश्वास को और मजबूत करता है. इससे यह भी स्पष्ट हो गया कि उत्तराखण्ड में कानून का राज स्थापित है और बेटियों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि जो भी घटना हुई उसका हमें बहुत दुख हुआ. तब हमने संकल्प लिया कि हम पहाड़ की बेटी को न्याय दिलाएंगे. हमने सभी को आरोपियों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए थे. बाद में महिला IPS की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया गया था. पूरी विवेचना को उन्होंने आगे बढ़ाया. इसी का परिणाम रहा कि आरोपियों को जमानत नहीं मिल पाई. विवेचना चली, केस चला अब आरोपियों को सजा सुनाई गई है.
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ये है पूरा मामला
अंकिता की हत्या को छिपाने के लिए तीनों आरोपियों ने उसकी लाश को चीला नहर में फेंक दिया था. 20 सितंबर 2022 को पुलकित ने राजस्व क्षेत्र पट्टी उदयपुर पल्ला में अंकिता के गायब होने की शिकायत दर्ज करवाई. लेकिन जब यह मामला प्रकाश में आया और लोगों ने उग्र प्रदर्शन शुरू किया, तो जिलाधिकारी ने इसे पुलिस को सौंप दिया.
अंकिता पर अनैतिक कामों के लिए दबाव !
22 सितंबर को लक्ष्मण झूला पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और पुलकित, अंकित और सौरभ से पूछताछ के बाद यह साफ हुआ कि उन्होंने अंकिता की हत्या 18 सितंबर की रात को की थी. उनका कहना था कि वे अंकिता पर अनैतिक कामों के लिए दबाव डाल रहे थे और अंकिता इन राजों को बाहर न लाए, इसलिए उसे चीला नहर में धकेल दिया गया.
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