शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र के दौरान पाबंदियों को लेकर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का बयान सामने आया हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष हमेशा ऐसे निर्देश जारी करते हैं। ‘जाकी रही भावना जैसी प्रभु मूरत तिन तैसी’, कांग्रेस के लोगों के लिए ये सही है। अगर आंख में कचरा चला जाए तो चारों तरफ गलत ही दिखाई देता है। उनको हर चीज गलत ही दिखाई दे रही है। उनका अधिकार है, आंखों में आपके टिका है और आप दुनिया को गंदा देख रहे हैं तो हम क्या करें।

जल गंगा संवर्धन अभियान की उपलब्धियों की लगेगी प्रदर्शनी

कल सोमवार को एमपी विधानसभा के मानसूत्र का आगाज होगा। सत्र के पहले दिन विधानसभा के सेंट्रल हॉल में ‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ की उपलब्धियों की प्रदर्शन लगेगी। सीएम डॉ मोहन यादव, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर इसका शुभारंभ करेंगे। आपको बता दें कि जल गंगा संवर्धन, मुख्यमंत्री का महत्वकांक्षी अभियान रहा है। सरकार ने 90 दिवसीय अभियान चलाया था। प्रदेश में 84 हजार 726 खेत तालाब, 1 लाख 4 हजार 276 कूप रिचार्ज पिट और 1283 अमृत सरोवरों का निर्माण हुआ। जल संचय करने वाले जिलों में खंडवा देशभर में नबर वन रहा। इस कैंपेन को राष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान मिली है।

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12 दिवसीय सत्र में 10 बैठकें

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 28 जुलाई से शुरू होगी, जो 8 अगस्त तक चलेगी। 12 दिवसीय सत्र में कुल 10 बैठकें होंगी। 2 अगस्त शनिवार और 3 अगस्त रविवार को अवकाश रहेगा। इस सत्र में कई विधेयक और अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा।

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