रायपुर- एन.आई.टी.-जी.ई.सी. एलुमनाई एसोसिएशन द्वारा आयोजित एलुमनाई मीट २०१७ में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने कहा कि- यहां के कैम्पस में कुछ खास बात है, शायद यही वजह है कि अभिषेक सिंह जैसा संकोची और डरने वाला लड़का भी सांसद हो गया. यहां से निकले छात्र देश ही नहीं दुनिया में अपनी काबिलियत का लोहा मनवा चुके हैं. मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने दुनिया के कोने-कोने में बड़ा मुकाम हासिल कर चुके एलुमनाई से कहा कि- हिन्दुस्तान को दुनिया में नंबर वन बनाने की क्षमता आप सबमे हैं. कोई अब रोक नहीं पाएगा. उन्होंने कहा कि- यहां आप दुनिया में कहीं भी रहे, लेकिन एक छोटा घर रायपुर में होना ही चाहिए.

मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने 1967 से लेकर 2017 बैच तक के सभी स्टूडेंट्स के एलुमनाई मीट में कहा कि- अतिथि की हैसियत से आप सब छत्तीसगढ़ में आए हैं. मुख्यमंत्री के नाते मैं सबका स्वागत करता हूं. यह गौरवशाली क्षण है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ अब बदल गया है. यहां की मिट्टी में बड़ा परिवर्तन हुआ है. छत्तीसगढ़ का विकास सिर्फ रायपुर, भिलाई जैसे बड़े शहरों तक सीमित नहीं है. छत्तीसगढ़ का विकास उस दुरस्त अंचल तक जा पहुंचा है, जिसे नक्सल प्रभावित इलाका कहा जाता है. यह विकास दंतेवाड़ा में हुआ है, बीजापुर-सुकमा-नारायणपुर में हुआ है. यह देखकर आप सब प्रसन्न हो जाएंगे कि नक्सल प्रभावित इलाकों की पहचान अब एजुकेशन हब के रूप में तेजी से बढ़ रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 35 हजार करोड़ रूपए की सड़कों पर काम चल रहा है. एयर कनेक्टिविटी, रेल कनेक्टिविटी बेहतर हो रही है. अगली बार जब आप दिल्ली से रायपुर आएंगे, तो रायपुर से सीधे बस्तर-सरगुजा के लिए आपको एयर कनेक्टिविटी मिल सकेगी. उन्होंने कहा कि बस्तर के नगरनार में 16 हजार करोड़ रूपए की स्टील प्लांट अगले छह महीने में शुरू हो जाएगा. डाॅ.रमन सिंह ने कहा कि- छत्तीसगढ़ विकास की एक नई कहानी लिख रहा है. बड़ी-बड़ी कंपनियां यहां निवेश कर रही हैं. डाॅ.रमन सिंह ने कहा कि क्रिसिल और आरबीआई की रिपोर्ट बताती है कि राज्य में इकोनामी, फाइनेंशियल मैनेजमेंट, सोशल सेक्टर में किए गए प्रयासों को देश में पहले या दूसरे नंबर पर माना है. हम पीढ़ियों के निर्माण के लिए काम कर रहे हैं.

डाॅ.रमन सिंह ने अपने काॅलेजों के दिनों की यादों को साझा करते हुए कहा कि- जब मैं आयुर्वेदिक काॅलेज में पढ़ता था, तो इस कैंपस में आया करता था. यहां का कैंपस काफी बड़ा था. उस वक्त यहां की दादागिरी जमकर चलती थी. हर कोई दहशत में रहता था. यहां के छात्रों का जब जत्था जब चलता था, तो शहर के कई टाॅकीज चलाने वालों का ब्लड प्रेशर और शुगर बढ़ जाया करता था, लेकिन आज एलुमनाई मीट में सामने बैठे लोगों को देखकर लग रहा है कि इनमें से कई लोगों का ब्लड प्रेशर और शुगर बढ़ा होगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि- छत्तीसगढ़ बदल रहा है, लेकिन मैं सोच रहा था कि क्या नहीं बदला. तो मुझे लगा कि आप नहीं बदले हैं. आपका दिल नहीं बदला है. यहां आकर काॅलेज के पहले दिन की याद आ गई होगी. कितना डर रहा होगा पहले दिन काॅलेज आने का, लेकिन जब यहां से आप निकले होंगे, तो एक आत्मविश्वास के साथ.

देश-दुनिया की बडी़ कंपनियों के सीईओ से मिले रमन

एलुमनाई मीट में शामिल होने देश और दुनिया की बड़ी कंपनियों में बड़ा मुकाम हासिल कर चुके पूर्व छात्रों के साथ मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह की मीटिंग भी हुई. सीएसआईडीसी ने इस मीट का आयोजन किया था. इस मीट में साइंटिस्ट, बड़ी कंपनियों में उच्च पदों पर काबिज सीईओ के साथ-साथ आंतत्रोप्योनर भी शामिल हुए. मुख्यमंत्री ने राज्य में निवेश की संभावनाओं के मद्देनजर मौजूदा संसाधनों, राज्य की नीतियों के बारे में विस्तार से जानकारी साझा की. एक दर्जन से ज्यदा बड़े निवेशकों के साथ हुई इस मीटिंग से सकारात्मक नतीजे सामने आने की उम्मीद की जा रही है. मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने कहा कि- इस इंस्टीट्यूट से निकले दो पूर्व छात्र अभिषेक सिंह और अरूण बिसेन साथ ही काम करते हैं. राज्य के विकास को लेकर जो भी अहम सुझाव यदि देना चाहे, तो उन सुझावों का हमेशा स्वागत हैं. मुख्यमंत्री ने एनआईटी में गोल्डन टाॅवर के लिए दस लाख रूपए की सहायता देने का ऐलान भी किया.

जब शक्ति साथ चलती है, तो निकलते हैं अच्छे परिणाम- अभिषेक सिंह

एलुमनाई मीट में राजनांदगांव सांसद अभिषेक सिंह का अभिनंदन भी किया गया. इस दौरान उन्होंने कहा कि एनआईटी से निकले तमाम लोग यदि अपने अनुभव का योगदान छत्तीसगढ़ को देना चाहते हैं या आने वाले दिनों में यहां काम करना चाहते हैं, तो इसके लिए सीएसआईडीसी ने एक पहल की है. उन्होंने कहा कि यह ऐसा इंस्टीट्यूट है, जिसकी शुरूआत देश के पहले राष्ट्रपति ने की थी औऱ जिसका लोकार्पण पहले प्रधानमंत्री ने रखी थी. अभिषेक सिंह ने कहा कि जब शक्ति एक साथ निकलती है, तो अच्छे परिणाम निकलते हैं. एलुमनाई एसोसिएशन ने हमारे बैच के एक ऐसे लड़के की बड़ी मदद की है, जिसके दिल का आपरेशन कराना बेहद जरूरी हो गया था. व्हाट्स एप के जरिए ही सात लाख रूपए का योगदान मिला. ऐसे कई उदाहरण हैं.

एनआईटी के छात्र रहे चुके विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि 1968 में मैं साइकिल चलाकर इंजीनियरिंग काॅलेज आता था. हम दोस्त यहां के मनिराम कैंटिन में चाय पीने जाया करते थे. यह उस वक्त का एक मात्र इंजीनियरिंग काॅलेज हुआ करता था. लेकिन आज छत्तीसगढ़ में पचास इंजीनियरिंग काॅलेज हैं. आईआईटी भिलाई में खुलने जा रहा है. आईआईआईटी, एम्स, आईआईएम जैसे संस्थान यहां खुल चुके हैं. उच्च शिक्षा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ ने उल्लेखनीय उपलब्धि अर्जित की है.

हाइलाइटेड प्वाइंट-

– एलुमनाई मीट में देश-विदेश से 1200 से ज्यादा भूतपूर्व छात्र-छात्राएं शामिल हुए. ग्लोबल मीट में छत्तीसगढ़ की पारंपरिक नृत्य राउत नाचा से स्वागत किया गया.

– मीट के विशेष अतिथि के तौर पर संस्थान के भूतपूर्व छात्र नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ एडवांस स्टडीज के निर्देशक डॉ बलदेव राज भी शामिल हुए.

– भूतपूर्व छात्रों को उनके छात्र जीवन के बारे में पुनः स्मृति दिलाने का प्रयास हेतु मिश्रा पान ठेला तथा मनीराम कैंटीन रखा गया, जिसे पुराने छात्रों ने याद करके काफी आनंद लिया.

– गोल्डन जुबली ६७ तथा सिल्वर जुबली ९२ बैच का विशेष अभिनन्दन किया गया.