रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ कथित जमीन घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े केस में एक्शन हुआ है. आज रांची स्थित मुख्यमंत्री निवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ED ) की टीम पूछताछ के लिए पहुंची थी. दूसरी ओर चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुना गया, अब वे झारखंड के झारखंड के नए सीएम होंगे. विधायक दल के फैसले के बाद गिरफ्तारी की आशंका के चलते ईडी की हिरासत में ही सीएम हेमंत सोरेन ने राजभवन पहुंचकर इस्तीफा दिया. राज्यपाल ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. ऐसी संभावना है कि इस सियासी घटनाक्रम के बीच किसी भी वक्त हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी हो सकती है.

बता दें कि, इससे पहले ED ने कथित जमीन घोटाला मामले से जुड़े केस के सिलसिले में हेमंत सोरेन को 10वां समन भेजकर 27 से 31 जनवरी के बीच पूछताछ के लिए समय और जगह बताने को कहा था. लेकिन, हेमंत सोरेन ने ईडी को चिट्ठी भेजकर कहा कि उनके पास समय नहीं है. वहीं, उनकी पार्टी झामुमो ने कहा कि मुख्यमंत्री मार्च तक व्यस्त हैं. उनके पास समय नहीं है. जिसके बाद सोमवार 29 जनवरी को ED के अधिकारियों ने दिल्ली में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सरकारी आवास पर छापेमारी की. हेमंत सोरेन वहां नहीं मिले, तो यह टीम शिबू सोरेन के आवास और झारखंड भवन भी पहुंची. हेमंत सोरेन कहीं नहीं मिले. टीम रात के 10 बजे तक उनके आवास पर डटी रही.

दिल्ली में हेमंत के सरकारी आवास से मिले 36 लाख रुपए

इसके बाद मंगलवार 30 जनवरी को न्यूज एजेंसी एएनआई ने ईडी के हवाले से कहा कि, हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास से 36 लाख रुपए बरामद हुए हैं. साथ ही उनके सरकारी आवास से दो कार जब्त किए जाने की खबर भी मीडिया में आई. वहीं, सीएमओ से एक ई-मेल ईडी कार्यालय को भेजा गया कि हेमंत सोरेन 31 जनवरी को दिन में एक बजे पूछताछ के लिए उपलब्ध हैं. बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 30 जनवरी को ही मुख्यमंत्री आवास में विधायकों के साथ बैठक की. इसके साथ ही तमाम उहापोह की स्थिति खत्म हुई.

मुख्यमंत्री जेल जाएंगे तो हम भी उनके साथ जाएंगे – झामुमो समर्थकों

बता दें कि, मुख्यमंत्री को बार-बार ईडी की ओर से समन भेजे जाने और उनसे पूछताछ से झामुमो के नेता और कार्यकर्ता नाराज हैं. वे लगातार ईडी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. आज फिर झामुमो कार्यकर्ताओं को राजभवन मार्च करना था. लेकिन, धारा-144 लागू होने की वजह वे राजभवन नहीं पहुँच पाए. मुख्यमंत्री सोरेन के इस्तीफे के पहले सभी कार्यकर्ता आज रांची के मोरहाबादी मैदान में एकत्र हुए थे. इस दौरान सोरेन समर्थकों ने दावा किया कि, मुख्यमंत्री को उनकी आदिवासी पहचान के लिए जांच एजेंसी के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार निशाना बना रही है. जमशेदपुर से यहां आईं झामुमो नेता झरना पाल ने कहा कि हेमंत सोरेन को इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि वह आदिवासी हैं. लेकिन, वह हमारे लिए भगवान की तरह हैं. हम उनके लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. अगर मुख्यमंत्री जेल जाएंगे तो हम भी उनके साथ जाएंगे.

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