पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज (सोमवार) नवांशहर में ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ का उद्घाटन किया। इस मौके पर आम आदमी पार्टी (AAP) पंजाब के प्रभारी मनीष सिसोदिया भी मौजूद रहे। सीएम मान ने कहा कि पहले माता-पिता आर्थिक मजबूरी के चलते अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाते थे, लेकिन अब अच्छे स्कूल तैयार हो गए हैं। उन्होंने इसे “शिक्षा क्रांति” करार दिया।


मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले माता-पिता मजबूरी में बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजते थे—अगर किस्मत साथ देती तो बच्चे कुछ बन जाते, वरना हालातों से समझौता करना पड़ता था। उन्होंने कहा, “एक कवि ने कहा है, ‘सबसे दुखद बात है सपनों का मर जाना।’ न तो अंग्रेजों ने हमें सपने देखने से रोका, न ही अमेरिकियों ने—लेकिन हमारे अपने लोगों ने ही हमारे सपने तोड़ दिए।”


सीएम मान ने कहा कि हमारे बच्चे उन स्कूलों में पढ़ने को मजबूर थे, जहां बैठने को जगह नहीं थी, न शौचालय, न प्रयोगशाला। बच्चों को दलिया खाकर स्कूल भेजा जाता था और कहा जाता था कि पेन-पेपर भूल जाना, लेकिन चम्मच और कटोरा मत भूलना।


उन्होंने बताया कि उन्होंने 16 मार्च 2022 को शपथ ली थी और तभी से हालात बदलने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा, “रात चाहे जितनी भी लंबी हो, इसका मतलब यह नहीं कि सूरज नहीं उगेगा। अब तरक्की का सूरज उगेगा।” अब तक 54,003 नौकरियां योग्यता के आधार पर दी गई हैं, जबकि पहले सिफारिश पर दी जाती थीं। उन्होंने कहा कि पहले हर घर में तीन लोगों को नौकरी मिलती थी, और हम बस नारे लगाते रहते थे, जबकि उनके रिश्तेदार चेयरमैन बन जाते थे।

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दिल्ली मॉडल से ली प्रेरणा


सीएम मान ने कहा कि हमने दिल्ली से सीखा कि उन्होंने मुश्किलों से कैसे अनुभव लिया और हमें एक मॉडल दिया। अब हम अपने शिक्षकों को सिंगापुर और फिनलैंड भेज रहे हैं। शिक्षा की गुणवत्ता सुधर रही है। उन्होंने कहा, “टीवी पर विज्ञापन देने से समस्याओं का हल नहीं होता। पहले घर की सारी आमदनी बच्चों की पढ़ाई पर खर्च होती थी, लेकिन अब हम खुश हैं कि हमारे बच्चे ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ में पढ़ रहे हैं।”


उन्होंने कहा कि पंजाबी जिस भी काम में लगते हैं, उसे पूरा करके ही मानते हैं। अब स्कूलों के नाम महान व्यक्तित्वों जैसे अब्दुल कलाम के नाम पर रखे जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “सपने वो नहीं जो सोते समय आएं, सपने वो होते हैं जो आपको सोने न दें।” पहले स्कूलों के ब्लॉक नेताओं के नाम पर बनाए जाते थे, अब पढ़े-लिखे लोगों के नाम पर बनाए जा रहे हैं। यह एक नई शिक्षा क्रांति है।


हमारे दो मुख्य फोकस- शिक्षा और नशा विरोध
मुख्यमंत्री ने कहा, “हम काम को अधूरा छोड़ने में यकीन नहीं रखते। हम दो मुख्य बातों पर फोकस कर रहे हैं- नशे के खिलाफ लड़ाई और शिक्षा की ओर कदम।”