भोपाल। राज्यपाल लालजी टंडन के फ्लोर टेस्ट को लेकर लिखे गए पत्र के जवाब में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने संसदीय मर्यादाओं का पालन नहीं करने के आरोप पर दुख जताया है. उन्होंने कहा कि अपने 40 साल के लंबे राजनीतिक जीवन में हमेशा सम्मान और मर्यादा का पालन किया है.

बता दें कि राज्यपाल लालजी टंडन ने 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट नहीं किए जाने पर फिर से पत्र लिखकर 17 मार्च को फ्लोर टेस्ट कराने का निर्देश दिया था, जिसका पालन नहीं करने पर बहुमत नहीं होने की बात कही थी. कमलनाथ ने 17 मार्च को पत्र का जवाब देते हुए लिखा कि विधानसभा स्पीकर ने कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर 26 मार्च को सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित किया है. उन्होंने फ्लोर टेस्ट कराए जाने में आनाकानी किए जाने के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि बीते 15 महीने में उन्होंने कई बार सदन में बहुमत साबित किया है. भाजपा अगर मेरे पास बहुमत नहीं होने का आरोप लगा रही है तो वे अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकते हैं.

कमलनाथ ने बेंगलुरु में कांग्रेस के विधायकों को बंधक बनाए जाने की बात कहते हुए उनके स्वतंत्र होने के बाद पांच-सात दिन स्वतंत्र माहौल में रहने के बाद स्वतंत्र निर्णय ले सकेंगे. ऐसी स्थिति में 17 मार्च को फ्लोर टेस्ट कराने और नहीं करा पाने पर विधानसभा में बहुमत नहीं हो पाने की बात आधारहीन और असंवैधानिक है. इसके साथ उन्होंने मामला सुप्रीम कोर्ट में भी होने का हवाला दिया है.