नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार की एजेंसी वेपकॉस की बायो डी-कंपोजर पर आई रिपोर्ट को मीडिया के साथ साझा किया. उन्होंने कहा कि वेपकॉस ने पराली के निपटारे के लिए बायो डी-कंपोजर को बेस्ट माना है. हालांकि उन्होंने कहा कि अभी तक हम लोगों ने पराली से हो रहे प्रदूषण के लिए किसानों को टारगेट किया, यहां तक कि खेत में पराली जलाने पर उन पर जुर्माना भी लगाया गया. लेकिन सरकारों ने क्या किया? इसका दोष सारा सरकारों का है, दोष किसानों का नहीं है. सरकारों को समाधान देना चाहिए.

सभी किसान बेहद खुश

सीएम केजरीवाल ने कहा कि पिछले साल दिल्ली सरकार ने पराली का समाधान निकाला. पूसा इंस्टीट्यूट ने एक बायो डी-कंपोजर बनाया. यह बेहद सस्ता है. उस बायो डी-कंपोजर को हमने दिल्ली में परीक्षण (टेस्ट) किया. दिल्ली के 39 गांवों में हमने 1935 एकड़ जमीन के ऊपर इस बायो डी-कंपोजर का छिड़काव किया. इस बायो डी-कंपोजर का छिड़काव करने से डंठल गल जाता है और गलने के बाद दोबारा बुआई करने के लिए जमीन तैयार हो जाती है. इस डंठल को काटना और जलाना नहीं पड़ता है. बायो डी-कंपोजर के शानदार नतीजे आए. दिल्ली सरकार के विकास विभाग ने उन सभी किसानों से बात की, जिन्होंने इसे इस्तेमाल किया था. सभी किसान बेहद खुश थे.

हर राज्य के किसान को करना चाहिए बायो डी-कंपोजर का इस्तेमाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जैसे दिल्ली के किसान खुश हैं और दिल्ली के लोग खुश हैं, वैसे ही अगर वहां की राज्य सरकारें भी बायो डी-कंपोजर का इस्तेमाल करना शुरू करें, तो आस-पड़ोस के राज्यों के किसान भी खुश हो सकते हैं. केंद्र सरकार राज्य सरकारों को बाध्य करें कि वे भी बायो डी-कंपोजर का इस्तेमाल करें.

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वेपकॉस को पराली पर बायो डी-कंपोजर के प्रभाव की जांच करने की दी गई थी जिम्मेदारी 

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रदूषण से मुक्ति पाने के लिए एक एयर क्वॉलिटी कमीशन बनाया है. बायो डी-कंपोजर के नतीजे शानदार आने के बाद हमने एयर क्वॉलिटी कमीशन में एक आवेदन फाइल की और कहा कि दिल्ली ने अब पराली का समाधान दे दिया है. जैसे हम लोगों ने अपने सारे किसानों को मुफ्त बायो डी-कंपोजर का छिड़काव उनके खेतों पर कराया है, ऐसे ही दिल्ली के आस-पड़ोस के सारे राज्य सरकारों को निर्देश दिए जाएं कि वे भी अपने-अपने किसानों के खेतों में मुफ्त बायो डी-कंपोजर का छिड़काव करें. इस पर एयर क्वॉलिटी कमीशन ने कहा कि यह आप कह रहे हैं कि यह बड़ा अच्छा है. इसका थर्ड पार्टी ऑडिट होना चाहिए. कमीशन ने किसी स्वतंत्र एजेंसी से ऑडिट कराने के लिए कहा.

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वेपकॉस केंद्र सरकार की एक संस्था है. दिल्ली सरकार का वेपकॉस एजेंसी पर कोई नियंत्रण नहीं है. वेपकॉस को कहा गया कि आप इसका ऑडिट कीजिए और जांच कर देखिए कि दिल्ली सरकार ने जो बायो डी-कंपोजकर का इस्तेमाल किया है, क्या वह अच्छा है और इसके क्या नतीजे हैं?

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मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की एजेंसी वेपकॉस ने अपनी पूरी जांच कर ली है और अब उसकी एक रिपोर्ट आई है. वेपकॉस ने लगभग 4 जिलों के 15 गांव में जाकर 79 किसानों से बात की. 79 किसानों से बात करने के बाद केंद्र सरकार की एजेंसी वेपकॉस ने साफ-साफ अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि बायो डी-कंपोजर का इस्तेमाल करने से दिल्ली के किसान बेहद खुश हैं. इसके जो नतीजे आए, वह बेहद उत्साहवर्धक हैं. 90 प्रतिशत किसानों ने कहा कि 15 से 20 दिनों के अंदर उनकी पराली गल गई और गेहूं की फसल बोने के लिए उनकी जमीन तैयार हो गई.

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जमीन की उर्वरता बढ़ी

किसानों ने बताया कि गेहूं बोने से पहले 6 से 7 बार खेतों की जुताई करनी पड़ती थी, लेकिन बायो डी-कंपोजकर का इस्तेमाल करने से एक से दो बार जुताई करने से काम चल गया. किसानों को इसका बहुत फायदा हुआ. खेतों में जो ऑर्गेनिक कार्बन था, उसकी मात्रा पहले से 42 फीसदी तक ज्यादा बढ़ गई. बायो डी-कंपोजर के इस्तेमाल करने से ऑर्गेनिक कार्बन भी बढ़ गया. इसके इस्तेमाल करने से पराली एक तरह से खाद के रूप में तब्दील हो गई. इस तरह कार्बन के कंटेंट में 42 फीसदी तक वृद्धि हुई.

बायो डी-कंपोजर के छिड़काव से डीएपी खाद का इस्तेमाल करना पड़ा कम

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा 24 फीसदी तक बढ़ गई, जबकि 7 गुना बैक्टीरिया बढ़ गया। मिट्टी के अंदर जो उपजाऊ बैक्टीरिया होते हैं, जो फसल उगाने में मदद करते हैं, वह 7 गुना बढ़ गया. फसलों को फंगस फायदा पहुंचाती है, वह 3 गुना बढ़ गई. मिट्टी की गुणवत्ता में इतना सुधार हुआ कि गेहूं का अंकुरण 17 से 20 फीसद बढ़ गया. लगभग आधे किसानों ने यह स्वीकार किया कि बायो डी-कंपोजर को इस्तेमाल करने से पहले डीएपी खाद 46 किलो प्रति एकड़ इस्तेमाल करते थे, लेकिन बायो डी-कंपोजर के इस्तेमाल के बाद यह घटकर 36 से 40 किलो प्रति एकड़ हो गई. बायो डी-कंपोजर के इस्तेमाल के बाद खाद का भी इस्तेमाल कम हो गया. बायो डी-कंपोजर का इस्तेमाल करने के बाद जब अगली गेहूं की फसल आई, तो उसमें लगभग 8 फीसद की वृद्धि हुई है।

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राज्य सरकारें सारे किसानों के खेतों में बायो डी-कंपोजर का छिड़काव फ्री में कराएं- केजरीवाल

केंद्र सरकार से भी हमारी अपील है कि आप राज्य सरकारों को कहिए कि अभी तक तो हम कुछ कर नहीं सकते थे, लेकिन अब तो कर सकते हैं. अब तो पराली का समाधान आ गया. राज्य सरकारों को कहा जाए कि अब पराली के लिए किसानों की मदद कीजिए. राज्य सरकारें सारे किसानों के खेतों में बायो डी-कंपोजर का छिड़काव फ्री में कराएं. यह बहुत ही सस्ता है कि कोई भी राज्य सरकार इसका फ्री में छिड़काव करा सकती है. अब पराली को जलाने की जरूरत नहीं है. कम से कम अब हम सब लोगों को प्रदूषण से मुक्ति मिलनी चाहिए. मैं एक-दो दिन में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से समय लेकर इस रिपोर्ट के साथ मिलने के लिए जाऊंगा और उनसे गुजारिश करूंगा कि वे व्यक्तिगत तौर पर इस मामले में दखल दें.

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