Mamata Banerjee On Bangladesh Violence: इस वक्त की बड़ी खबर पश्चिम बंगाल (West Bengal) से आई है। बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बांग्लादेशियों को राज्य में शरण देने का ऐलान किया है। शहीद दिवस (shaheed diwas) रैली में ममत बनर्जी ने कहा कि हमारे दरवाजे आप लोगों के लिए खुले हैं. ममता बनर्जी का ये बयान उस समय आया है, जब बांग्लादेश (Bangladesh) में आरक्षण (Reservation) को लेकर हिंसा हो रही है। हिंसा में अबतक 133 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
बंगाल की CM ममता बनर्जी ने कहा है कि उनकी सरकार बांग्लादेश से बंगाल के सभी नागरिकों को निकालने के लिए पूरी तरह आश्वस्त है। उन्हें बांग्लादेशियों को शरण देने की बात भी कही।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कोलकाता में शहीद दिवस रैली को संबोधित किया। संबोधन में ममता बनर्जी ने बांग्लादेश में जारी हिंसा का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति से हमें भड़कना नहीं है। मैं आपको आश्वासन देती हूं कि बांग्लादेश में फंसे बंगाल के निवासियों को सुरक्षित बाहर लाने के लिए टीएमसी सरकार पूरी तरह आश्वस्त है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘उन सभी लोगों को पूरा सहयोग मिलेगा जो युद्धग्रस्त स्थितियों में बांग्लादेश में फंसे हुए हैं। बंगाल ही भारत के अस्तित्व को सुरक्षित रख सकता है, बंगाल के बिना कोई भारत नहीं है। संबोधन के दौरान सीएम ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर भी जमकर निशाना साधा. ममता बनर्जी ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘भाजपा ने लोगों को डरा-धमका कर और एजेंसियों का दुरुपयोग करके केंद्र में सरकार बनाई है।
बांग्लादेशियों को देंगे शरण’
ममता बनर्जी ने शरणार्थियों पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का भी जिक्र किया और कहा, ‘अगर बांग्लादेशी हमारे दरवाजे पर दस्तक देंगे तो हम उन्हें आश्रय देंगे। बंगाल में भीड़ के हमले की घटनाओं पर भी सीएम ममता ने चुप्पी तोड़ी. वो बोलीं कि लोगों पर अन्याय नहीं किया जाना चाहिए और इसे बर्दाश्त भी ना किया जाए। दोषी पाए जाने पर सरकार टीएमसी वर्कर्स पर भी सख्त एक्शन लेगी। टीएमसी की शहीद दिवस रैली में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बोलीं, ‘कई लड़ाई लड़ी हैं और आगे भी लड़नी हैं। जब तक जिंदा हूं तब तक लड़ूंगी, जिन सीटों पर हम जीते हैं वहां जाकर आप लोगों का धन्यवाद करें और जहां भी हम नहीं जीते हैं वहां पर लोगों के घर जाकर उनसे माफी मांगे और हमसे क्या गलती हुई यह पूछें और उस गलती को सुधारें।
जानें आरक्षण की आग में क्यों सुलग रहा बांग्लादेश
बांग्लादेश इस समय आरक्षण की आग में जल रहा है. देश में हर तरफ हिंसा फैली हुई है। हिसंक झड़पों की वजह से कई लोगों की मौत हो गई है और सैकड़ों लोग घायल हो गए हैं। सरकार ने पुलिस को उपद्रवियों को ‘देखते ही गोली मार देने’ का निर्देश दिया है। बांग्लादेश में हो रहे प्रदर्शन और हिंसा की वजह सरकारी नौकरी में आरक्षण को लेकर है। प्रदर्शनकारियों का एक गुट चाहता है कि 971 में हुई आजादी की लड़ाई में शामिल लोगों के वंशजों को सरकारी नौकरी में मिल रहे आरक्षण को जारी रखा जाए। वहीं दूसरा धड़ा इस आरक्षण को खत्म करना चाहता है।
ये है आरक्षण का पूरा गणित
बांग्लादेश में स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा ले चुके लोगों के परिवार को 30 फीसदी आरक्षण मिलता है। वहीं महिलाओं को 10 फीसदी आरक्षण मिलता है। 10 फीसदी का आरक्षण जिला कोटा के तहत पिछड़े जिलों में रहने वाले लोगों को दिया जाता है। जबकि धर्म के आधार पर अल्पसंख्यकों को 5 फीसदी आरक्षण दिया जाता है. जबकि एक प्रतिशत आरक्षण विकलांग लोगों को दिया जाता है। शेख हसीना सरकार ने 2018 में हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद इस आरक्षण व्यवस्था को खत्म कर दिया था। हालांकि इस साल जून में हाईकोर्ट ने इस फैसले को गलत कहा था। कोर्ट के फैसले के बाद अब देश में फिर से ये व्यवस्था लागू हो जाएगी। इसी को लेकर बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें