देव चौहान, (भोजपुर) रायसेन। मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की ताबड़तोड़ कार्रवाई में कई फैक्ट्रियों में बालश्रम कर रहे बच्चों का रेस्क्यू किया गया है। आज रायसेन की शराब फैक्ट्री में करीब 60 नाबालिग लड़के लड़कियां शराब बनाते पाए गए। मामला मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के संज्ञान में पहुंचते ही उन्होंने इस पर नाराजगी जताई है। उन्होंने अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं और कहा है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बाल श्रम को लेकर सीएम मोहन यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए नाराजगी जताते हुए लिखा, रायसेन जिले में फैक्ट्री पर छापे के दौरान बालश्रम का मामला मेरे संज्ञान में आया है। यह मामला बेहद गंभीर है। इस संबंध में श्रम, आबकारी और पुलिस विभाग के अधिकारियों से विस्तृत जानकारी प्राप्त की है और समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।‌ दोषियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 

शराब फैक्ट्री में छापेमारी: 50 से ज्यादा बाल मजदूर मिले, 15-15 घंटे काम कराने और केमिकल्स से गलने लगी थी हाथों की चमड़ी

बता दें कि राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने दो दिन में 3 फैक्ट्रियों से 95 बाल मजदूरों को रेस्क्यू किया है। सेहतगंज में शराब बनाने वाली सोम डिस्टलरी फैक्ट्री से 59 बाल मजदूरों को रेस्क्यू किया गया है। और मण्डीदीप की पारले जी बिस्किट बनाने वाली एल एम बेकर्स से 36 बाल श्रमिकों को रेस्क्यू किया गया था। 

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