राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव आज आज भोपाल में ‘विद्यालयों में बच्चों के ड्रॉपआउट कम करने’ विषय पर आयोजित क्षेत्रीय कार्यशाला का शुभारंभ किया। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा विद्यालयों में बच्चों के ड्रॉपआउट को कम करने के विषय पर आयोजित कार्यशाला में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल सहित कई गणमान्य अतिथि मौजूद रहे।
हम पूरी कोशिश करेंगे कोई भी छात्र ड्रॉप आउट ना रहे- मोहन यादव
सीएम मोहन ने अपने सम्बोधन के दौरान कहा कि कुर्सी से बड़ी शिक्षा है, हम पूरी कोशिश करेंगे कोई भी छात्र ड्रॉप आउट न रहे। सरकार का सभी छात्रों की शिक्षा पर पूरा फोकस है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि भारत का अपना एक चरित्र आदिकाल से है। हमारी सभ्यता दुनिया मे जानी जाती है। जब विश्वगुरु की बात करते है तब उसके अर्थ को समझना होगा। गुरु अंधेरे से निकलता है, ये संस्कृति युगों युगों से है। बालक परमात्मा का आशीर्वाद है। वहीं इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो भी शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा हमारे जीवन को सही दिशा देता है। शिक्षा में दक्ष व्यक्ति अगर सेना भी रखेगा को उसका दुरुपयोग नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि ‘हमारे प्रधानमंत्री भी बच्चों की शिक्षा को लेकर बेहद गंभीर है और हर बच्चे को शिक्षा प्राप्त हो इसके लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण की ये पहल बहुत सार्थक है और हम सब मिलकर प्रयास करेंगे कि एक भी बच्चा स्कूल से ड्रॉपआउट न हो।’
राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो का बयान
वहीं राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कहा कि भारत में शिक्षा को संस्कार मना जाता है। शिक्षा को बच्चे के पुनर्वास से जोड़ना चाहिए। 2014 में एक बड़ी शुरुआत भारत मे हुई थी। पीएम मोदी ने भारत का नेतृत्व किया, पीएम मोदी ने शिक्षा में अन्य राज्यों में भाषा की रुकावट खत्म की।
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