भोपाल. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने “बदलते शैक्षणिक एवं सामाजिक परिवेश में लाइब्रेरी की भूमिका और चुनौतियां” विषय पर विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस का मंत्रालय से वर्चुअली शुभारंभ किया.

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा, भारत की प्राचीन शिक्षा व्यवस्था और पुस्तकालय सदियों से ज्ञान का खजाना रहे हैं, जो हर काल और युग में विद्वानों और विचारकों को आकर्षित करते रहे हैं. अच्छाइयों का अपना एक प्रताप होता है और जो सहमत नहीं होते वो हमसे संघर्ष की भूमिका में आते हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसा कि भगवान कृष्ण ने कहा है कि मेरा जन्म धर्म के लिए होगा. धर्म का मतलब केवल पूजा पाठ और कर्मकांड नहीं है. धर्म का मतलब हमारी आस्था, हमारे जीवन का सत्य जिसके कारण से हम सदैव जाने जाते हैं. धर्म का अर्थ सुव्यवस्थाओं से है जिन्हें हम निभाते हैं.

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उन्होंने कहा कि ऐसा कहा जाता है कि जीते जी अमरत्व की प्राप्ति कराने का कोई स्थान है तो वह अवंतिका नगरी उज्जैन है. यहां की पवित्रता और आध्यात्मिकता मन, आत्मा और शरीर को सुकून देती है. यह नगरी धर्म, संस्कृति और शाश्वत शांति का अद्भुत संगम है.

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