सुधीर दंडोतिया, भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने गोवंश रक्षा और दुग्ध उत्पादन प्रोत्साहन योजना की समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने कई अहम फैसले लिए हैं। राज्य सरकार पशुपालन को बढ़ावा देगी। कृषि के साथ अब पशुपालन पर भी फोकस होगा। दिव्यांग और वृद्ध गायों के लिए गौशाला खोली जाएगी। राजमार्गों पर गौवंश विचरण पर अंकुश लगेगा।

शुक्रवार दोपहर करीब 12.30 बजे सीएम मोहन यादव ने गोवंश रक्षा को लेकर समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए है। प्रदेश सरकार का कृषि के साथ अब पशुपालन पर भी फोकस होगा। राजमार्गों पर बैठने वाले गौवंश और अन्य मवेशियों के लिए हाइड्रोलिक वाहन व्यवस्था की जाएगी।

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प्रदेश के रायसेन, विदिशा, सीहोर, देवास, राजगढ़ आदि जिलों का चयन कर हाइड्रोलिक कैटल लिफ्टिंग व्हीकल को टोल व्यवस्था के साथ जोड़कर इस समस्या के समाधान के लिए कदम उठाया गया है। गौवंश के सम्मान और सुरक्षा के लिए सभी उपाय लागू किए जाएंगे। दिव्यांग और वृद्ध गायों के लिए गौशालाएं संचालित होगी। गुजरात और अन्य प्रांतों में लागू व्यवस्था अध्ययन करेंगे। दुग्ध उत्पादकों को प्रोत्साहन, दुग्ध उत्पादन में वृद्धि से पशुपालकों की आय बढ़ेगी।

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एमपी में चलित पशु चिकित्सा इकाई (टोल फ्री नंबर 1962) के माध्यम से पशुओं को फर्स्ट-एड की सुविधा मिलेगी। प्रदेश में संचालित गौशालाओं को श्रेष्ठ कार्य के लिए जिला स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा। इसके अलावा आचार्यश्री विद्यासागर जीव दया सम्मान योजना का जिला स्तर तक विस्तार किया जाएगा।

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