शिखिल ब्यौहार, भोपाल।  मध्य प्रदेश में टीबी जैसे लक्षणों वाली घातक बैक्टीरियल बीमारी मेलिओइडोसिस को लेकर चिंता बढ़ गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसकी रोकथाम के लिए स्वास्थ्य और कृषि विभागों को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। खासकर किसानों के लिए मुफ्त इलाज और स्वास्थ्य शिविरों का ऐलान किया गया है। मेलिओइडोसिस एक दुर्लभ लेकिन घातक बैक्टीरियल संक्रमण है, जो बर्कहोल्डेरिया स्यूडोमैलेसी नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। यह संक्रमित मिट्टी या पानी के संपर्क से फैलता है, खासकर धान के खेतों में काम करने वाले किसानों को प्रभावित करता है। इसके लक्षण टीबी से मिलते-जुलते हैं, जैसे लगातार बुखार, सांस लेने में तकलीफ, जोड़ों का दर्द और फेफड़ों में संक्रमण। यदि समय पर इलाज न हो तो यह जानलेवा साबित हो सकता है।

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 मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 18 सितंबर को इस बीमारी की रोकथाम के लिए प्रमुख सचिव स्वास्थ्य और प्रमुख सचिव कृषि को संयुक्त रूप से काम करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने किसानों की जांच, इलाज और रोकथाम के लिए विशेष स्वास्थ्य शिविर लगाने का आदेश जारी किया है। यदि कोई किसान इस रोग से ग्रस्त पाया जाता है, तो उसका पूरा इलाज सरकारी खर्च पर कराया जाएगा। यह कदम एम्स भोपाल की 16 सितंबर की रिपोर्ट के बाद उठाया गया, जिसमें प्रदेश के 20 से अधिक जिलों में 130 मरीजों में इस बीमारी की पुष्टि हुई है।

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रिपोर्ट के अनुसार, यह बीमारी मुख्य रूप से ग्रामीण और कृषि-प्रधान क्षेत्रों में फैल रही है। मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि स्वास्थ्य और कृषि विभाग मिलकर जागरूकता अभियान चलाएं, ताकि किसान सुरक्षित रहें। इसमें मिट्टी की जांच, सुरक्षात्मक उपकरणों का वितरण और तत्काल जांच कैंप शामिल हैं। प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि इस बीमारी को नियंत्रित कर किसानों की सेहत सुरक्षित रखी जाए।

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