Bihar News: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज मंगलवार (29 जुलाई) को वैशाली गढ़ में बने बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय एवं स्मृति स्तूप का भव्य उद्घाटन किया। यह बहुप्रतीक्षित परियोजना मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक रही है, जिसका निर्माण भवन निर्माण विभाग की ओर से कराया गया है। करीब 6 साल की मेहनत और ₹550.48 करोड़ की लागत के बाद यह भव्य संरचना तैयार की गई है।

72 एकड़ में फैला भव्य स्मृति स्तूप

यह स्मृति स्तूप लगभग 72 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है, जो वैशाली जिले से लेकर मुजफ्फरपुर जिले तक विस्तारित है। इसका उद्देश्य वैशाली को बौद्ध धर्म के अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर प्रमुख स्थान दिलाना है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ इस उद्घाटन समारोह में दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी, समेत एनडीए के कई नेता और कार्यकर्ता उपस्थित थे।

अंतरराष्ट्रीय बौद्ध भिक्षुओं की उपस्थिति

इस ऐतिहासिक मौके पर 15 देशों से आए बौद्ध भिक्षुओं ने भी हिस्सा लिया और स्मृति स्तूप में विधिवत पूजा-अर्चना की। कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य स्तूप सहित पूरे परिसर का निरीक्षण भी किया। विशेष बात यह रही कि उद्घाटन के साथ ही मुख्य स्तूप में भगवान बुद्ध के अस्थि कलश को भी विधिवत स्थापित किया गया।

विश्वस्तरीय सुविधाओं से सुसज्जित होगा स्मृति स्तूप

परिसर में आगंतुकों और पर्यटकों के लिए अनेक सुविधाएं विकसित की गई हैं, जिनमें शामिल हैं।

  • पुस्तकालय
  • आगंतुक केंद्र
  • संग्रहालय ब्लॉक
  • एम्फीथिएटर
  • कैफेटेरिया
  • मेडिटेशन सेंटर
  • 500 किलोवाट का सौर ऊर्जा संयंत्र
  • विशाल पार्किंग क्षेत्र
  • अन्य आधुनिक सुविधाएं

बौद्ध पर्यटन का नया केंद्र बनेगा वैशाली

स्मृति स्तूप और संग्रहालय का उद्घाटन वैशाली को एक वैश्विक बौद्ध पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। अब यह स्थल विदेशी पर्यटकों और बौद्ध अनुयायियों के लिए एक विशेष आकर्षण का केंद्र बन जाएगा।मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि यह परियोजना सिर्फ धार्मिक ही नहीं, सांस्कृतिक और पर्यटन के क्षेत्र में भी बिहार को नई पहचान दिलाएगी।

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