खंडवा। जहां एक तरफ जहां ऑक्सीजन की किल्लत से पूरे देश के अस्पतालों से लेकर सरकार की परेशानी बढ़ी है, वहीं खंडवा कलेक्टर के प्रयासों से बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन बचाकर मरीजों को उपलब्ध कराना सच में काबिले तारीफ है. खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी इस प्रयास की सराहना कर चुके है. साथ ही अन्य जिले के कलेक्टरों को भी खंडवा मॉडल अपनाने कहा है.
बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन की बचत कर जरूरतमंदों तक पहुंचाई जा रही
देशभर में ऑक्सीजन की किल्लत को खत्म करने के लिए सेना के विमानों का उपयोग कर ऑक्सीजन टैंकरों को कम समय में पहुंचाने काम सरकार कर रही है. वहीं रेल मार्ग के जरिए भी ऑक्सीजन टैंकरों को जरूरत के स्थान पर कम समय में भेजा जा रहा है. ऐसे में खंडवा कलेक्टर के प्रयासों के चलते जिले में बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन की बचत कर जरूरतमंदों तक पहुंचाई जा रही है.
यह मॉडल जिला कलेक्टर अनय द्विवेदी की एक सार्थक पहल
दरअसल खंडवा का यह मॉडल जिला कलेक्टर अनय द्विवेदी की एक सार्थक पहल है. उन्होंने उपाय कर जरूरत के हिसाब से मरीजों की सेटिंग कर, कम ऑक्सीजन जरूरत वाले मरीजों को पांचवें माले पर उससे कम ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पर रखे गए मरीजों को चौथे माले पर रखा गया. तीसरे और चौथे माले पर जहां गंभीर मरीज भर्ती है उन्हें सीधे तौर पर सेंट्रल लाइन से पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंचाई. उनकी इस तरकीब से प्रतिदिन लगने वाले 100 सिलेंडर से घटकर संख्या 30 सिलेंडर पर आ गई. ऐसे में प्रतिदिन खंडवा का कोविड-19 से पीडि़त लोगों के लिए 70 सिलेंडर ऑक्सीजन बचा रहे है.
खाली ट्रक को आगे से उठाने पर 5 से 10 सिलेंडर अतिरिक्त गैस
ऑक्सीजन की इस बचत वाली जुगत से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री भी खुश है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि अन्य जिले के कलेक्टर भी खंडवा कलेक्टर की तरह काम करें. बुझती सांसों को बचाने के लिए कलेक्टर ने टैंकर ड्राइवर की मदद से जुगाड़ लगाते हुए 350 किलो प्रति टैंकर गैस भी बचाने का काम किया. उसके लिए लकड़ी का एक रेंट बनाकर ट्रक को आगे से करीब डेढ़ फीट ऊपर उठा दिया, जिससे टैंकर में बची गैस नीचे की तरफ खिसक जाती है. ऐसा करने से करीब 5 से 10 सिलेंडर गैस अतिरिक्त मिलने लगी, जो गंभीर मरीजों को फायदा पहुंचाने में उपयोगी साबित हो रही है.