रायपुर – विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र में अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह बेहद आक्रामक अंदाज में नजर आये. अनुपूरक बजट पर चर्चा के जवाब के दौरान मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि गरीबी हटाओ के नारे लगाकर कांग्रेसी 60 साल देश मे राज करते रहे. लेकिन गरीबी नहीं हटी और बढ़ती चली गई. नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद लोगों के जीवन मे बड़ा परिवर्तन आया.सीएम ने कहा कि अन्नतदाता प्रसन्न होगा तो उसके नतीजे बेहतर होंगे और विपक्ष उस नतीजे को लेकर घबरा गया है. 2013 में जो नतीजे आये थे,इस बार उससे भी बेहतर होगा और हमारा 65 सीट से कम नहीं आएगा.

सीएम ने विपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि अगली बार जब हम यहां बैठेंगे तो हमारी संख्या आगे तक बढ़ जाएगी. उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि ट्रक के पीछे लिखा होता है फिर मिलेंगे, तो अगली बार हम फिर मिलेंगे.अगली बार हम 48-49 में नहीं रुक जाएंगे बल्कि 65 से एक सीट कम नहीं लाएंगे.

डॉ रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ के किसान और जनता इस पहल को देख रही है कि किसानों से जुड़े मुद्दे को लेकर दो दिन का सत्र बुलाया गया है. आम आदमी विधानसभा को जानता नहीं लेकिन ये समझ गया कि 2400 करोड़ रुपये भी देना है तो विधानसभा का रास्ता ही तय करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि त्यौहार का वर्ष चल रहा है. प्राचीन कथा भी है कि माता पार्वती ने 12 वर्ष कठिन उपवास किया था आज के दिन.उन्होंने कहा कि सत्र का समापन हो गया था. विदाई कार्यक्रम में कई सदस्य भावुक हो गए थे. कइयों के आंसू निकल आये थे. आज जब दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया तो विपक्ष के सदस्यों के अंदर की पीड़ा निकल रही है. आह और वाह के बीच का फर्क दिख रहा है.
उच्चतम न्यायालय ने भी देर रात सुनवाई कर नई परिपाटी शुरू की थी. इसी तरह किसानों के लिए बुलाया गया ये विशेष सत्र नई परिपाटी की तरह है. इस मानसिकता से ऊपर उठना होगा कि गम्भीर मुद्दों को लेकर ही विशेष सत्र बुलाया जाएगा, लोकहित से जुड़े मुद्दों को लेकर भी विशेष सत्र बुलाया जा सकता है.

सीएम ने कहा कि ये कहा गया कि सरकार की वित्तीय स्थिति बिगड़ गई है. राजस्व घाटा 2003-2004 में 341 करोड़ था.आज 2017- 2018 में 3 हजार 4 सौ करोड़ का राजस्व आधिक्य है. 2017-18 में देश का टेक्स और जीडीपी का अनुपात 12 फीसदी है जबकि छत्तीसगढ़ का 19 फीसदी है. राज्य का ऋण भार 2018 के प्रतिवेदन के हिसाब से 17.4 फीसदी है जबकि अन्य राज्यों का औसत 24.3 फीसदी है. रिजर्व बैंक के आकंड़े बताते हैं कि देश मे सबसे कम ऋण लेने वाला राज्य छत्तीसगढ़ है.
कुल बजट का विकास कार्यों में होने वाले व्यय में हम पहले स्थान पर है. सामाजिक क्षेत्र में सबसे ज्यादा खर्च करने वाले राज्यों में देश मे हम पहले स्थान पर हैं.

डॉ. रमन सिंह ने कहा कि स्पेशल कैटेगरी स्टेट के तहत डेढ़ हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज लेने की पात्रता छत्तीसगढ़ को मिली है. बेहतर प्रबंधन की वजह से यह पात्रता दी गई है. इस आधार पर ही हमने साहस किया कि धान खरीदी के साथ ही बोनस किसानों को दे दिया जाए.उन्होंने कहा कि किसानों से जुड़ा ये मुद्दा है, इसलिए पक्ष-विपक्ष को भूलकर निर्णय लेना चाहिए था लेकिन इसमें भी राजनीति हो रही है. किसानों से जुड़ा बड़ा फैसला है लेकिन विपक्षी सदस्यों के चेहरे से खुशी गायब है. बड़ी-बड़ी बात हो रही थी यहां. हमने किसानों से चार गुना ज्यादा धान खरीदा.कांग्रेस ने औसतन 39.61 लाख धान समर्थन मूल्य पर खरीदा. सिर्फ 5 क्विंटल धान खरीदा था. हमारी सरकार ने 7 करोड़ 53 लाख क्विंटल धान खरीदा. 95 हजार 180 करोड़ का भुगतान किया. हमने हर साल 50 लाख 30 हजार मीट्रिक टन औसत धान खरीदा है. नौ गुना ज्यादा भुगतान किया.

सीएम ने कहा कि गांव, गरीब और किसान हमारी प्राथमिकता रही. नियत और नियति साफ हो तो पैसों की जरूरत अपने आप पूरी हो जाती है.देश मे ऐसा कोई राज्य नहीं है जिसके पास इतना शानदार प्रोक्योरमेंट सिस्टम है.