रायपुर. देश के सर्वाधिक नक्सल प्रभावित राज्य छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने शहरी नक्सलियों की वकालत करने पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर बड़ा हमला करते हुए कहा है कि वे देश की सुरक्षा और हितों से खिलवाड़ कर रहे हैं. जब सारा भारत सैनिकों के शौर्य को सलाम करते हुए कह रहा है कि हम आपके साथ हैं तब राहुल माओवादियों के साथ खड़े नजर आ रहे हैं.
रमन सिंह ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से कांग्रेस का झूठ उजागर हो चुका है. देश की सबसे बड़ी अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार शहरी नक्सलियों की गिरफ्तारी के पीछे कोई राजनीतिक कारण नहीं हैं. पुलिस के पास उनकी गिरफ्तारी के लिए तथ्य थे और पुलिस ने शक्ति का गलत उपयोग नहीं किया है. अदालत ने गिरफ्तार शहरी नक्सलियों की नजर बंदी चार सप्ताह बढ़ा दी है. ऐसे लोगों की की गिरफ्तारी को राजनीतिक रंग देकर उनकी पैरवी करने वाले राहुल गांधी का सिर अब लज्जा से झुक जाना चाहिए. राहुल गांधी यह स्पष्ट करें कि वे देश पर जान न्यौछावर करने वाले वीर जवानों के साथ हैं या देश के टुकड़े-टुकड़े कर देने की मंशा रखने वाले आतंकियों और माओवादियों के साथ हैं.
उन्होंने ने कहा कि राहुल जी की माता सोनिया जी एनएसई में विनायक सेन जैसे व्यक्ति को शामिल किये हुए थीं. राहुल देश द्रोह के आरोप में गिरफ्तार बारबरा, जैसे लोगों के हिमायती बनकर खड़े हैं. राजनीति की खातिर देश में अराजकता फैलाने के लिए राहुल गांधी इस स्तर पर पहुंच जायेंगे, इसकी कल्पना नहीं थी. वे जवाब दें कि किन कारणों से देश की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष राष्ट्र विरोध की हर गतिविधियों को जिस तरह से समर्थन दे रहे हैं, वह किसी सूरत में बर्दाश्त नहींं है. जहां भारत के टुकड़े करने के नारे लगते हैं. वहां राहुल नजर आते हैं. जहां राष्ट्र भक्ति की बात होती है, वहां उनका नकारात्मक व्यवहार सामने आता है. सर्जिकल स्ट्राइक पर संदेह व्यक्त करके वे यह बता चुके हैं कि वे किस तरह की राजनीति को अंजाम दे रहे हैं. राष्ट्रद्रोह के आरोपियों का साथ देने वाला क्या होता है, कहने की जरूरत नहीं.
उन्होंने ने कहा कि हमने छत्तीसगढ़ में माओवादी हिंसा को जड़ मूल से खत्म कर देने के लिए 15 साल लगातार दिन रात मेहनत करके शांति और विकास का वातावरण निर्मित किया है. कांग्रेस राज में पनपे और फले फूले माओवाद से निपटने के लिए बेहतर कार्य योजना बनाकर इसे राष्ट्रीय समस्या के तौर पर प्रस्तुत किया जिसकी वजह से देश भर में इस समस्या के समाधान के प्रयासों में तेजी आई. लेकिन राहुल गांधी तो माओवादियों के पैरोकार बनकर राजनीतिक विनाश लीला रचने का निंदनीय कृत्य कर रहे हैं. उनसे आग्रह है कि वे राष्ट्रप्रेम की मुख्यधारा में शामिल होकर रचनात्मक विपक्षी नेता की तरह आचरण करें.