दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता(Rekha Gupta) ने आज लंबित दिल्ली मास्टर प्लान (MPD) 2041 के प्रावधानों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है. दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने अप्रैल 2023 में केंद्र को ड्राफ्ट योजना प्रस्तुत की थी, जिसे अब तक केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय से स्वीकृति नहीं मिली है.

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सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में डीडीए के उपाध्यक्ष, मुख्यमंत्री और उद्योग, पर्यावरण तथा राजस्व से संबंधित विभागों के प्रमुखों सहित वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष ड्राफ्ट योजना पर विस्तृत प्रस्तुति दी जाएगी. यह बैठक औद्योगिक विकास पर केंद्रित होगी, जिसमें दिल्ली सरकार कंझावला, रानीखेड़ा और बापरोला में लगभग 1,200 एकड़ क्षेत्र को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत विकसित करने की योजना बना रही है.

इन क्लस्टरों को सूचना प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), जैव प्रौद्योगिकी और अनुसंधान जैसे सेवा क्षेत्रों को आकर्षित करने के लिए विकसित किया जा रहा है, जिससे राजधानी में लाखों रोजगार के अवसर उत्पन्न होने की संभावना है. अधिकारियों ने बताया कि विकास मॉडल को अंतिम रूप देने के लिए एक वैश्विक परामर्श फर्म की सहायता ली जा सकती है. दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने 28 फरवरी, 2023 को हुई बैठक में एमपीडी-2041 के प्रारूप को मंजूरी दी थी, और वे डीडीए के अध्यक्ष भी हैं.

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पहला मास्टर प्लान 1962 में दिल्ली विकास अधिनियम, 1957 के तहत लागू हुआ. ये मास्टर प्लान 20 वर्षों की अवधि के लिए बनाए जाते हैं और शहर के नियोजित विकास के लिए एक समग्र रूपरेखा प्रस्तुत करते हैं.