दिल्ली सरकार की पेंशन योजनाओं (pension schemes)में जल्द ही नए लाभार्थियों को शामिल किया जाएगा. इसके लिए सरकार अपात्र व्यक्तियों की पहचान कर रही है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (Rekha Gupta) ने सोमवार को समाज कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक में यह जानकारी साझा की. उन्होंने बताया कि हाल ही में महिला समृद्धि (Mahila Samridhhi Yojna)के तहत कई अपात्र महिलाओं की पहचान की गई है, जिनके नाम सूची से हटाए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अपात्र लोगों के नाम हटाकर पात्र व्यक्तियों को शामिल किया जाए.
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में सामाजिक कल्याण विभाग और अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया. इस बैठक में सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए चल रही विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गई. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार केवल आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं है, बल्कि पुनर्वास, कौशल विकास, शैक्षिक सहायता और अन्य सामाजिक सेवाएं भी प्रदान कर रही है. उनकी सरकार गरीबों, बुजुर्गों और सरकारी आर्थिक सहायता प्राप्त करने वाले लोगों के कल्याण के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
उन्होंने बताया कि सभी मौजूदा योजनाओं का पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा, ताकि योग्य लाभार्थियों को सही सहायता मिल सके और अपात्र व्यक्तियों को योजनाओं से बाहर किया जा सके.
उन्होंने बताया कि दिव्यांगों को डिजिटल कार्ड प्रदान करने की प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ की जाएगी. पूर्व सरकार ने इस वर्ग के साथ अन्याय किया है, लेकिन अब ऐसा नहीं होने दिया जाएगा. सभी योग्य व्यक्तियों को योजनाओं का लाभ सुनिश्चित किया जाएगा.
कोई पात्र योजना से वंचित न रहे
मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को योजनाओं के कार्यान्वयन में सुधार और पारदर्शिता लाने के निर्देश दिए. उन्होंने यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि कोई भी योग्य व्यक्ति लाभ से वंचित न रहे और सरकारी संसाधनों का सही उपयोग हो. बैठक में विकलांगता प्रमाणन में देरी, भिक्षुओं के पुनर्वास और लाभार्थी डेटा के डिजिटलीकरण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की गई.
सरकार की तरफ से मिल रही सहायता राशि
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि सरकार गरीबों, बुजुर्गों और अन्य वर्गों के लिए कई योजनाएं संचालित कर रही है. इनमें से एक योजना वरिष्ठ नागरिकों के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करती है, जो 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों को मासिक वित्तीय सहायता देती है. इस योजना के तहत पात्र व्यक्तियों को उनकी आयु के अनुसार 2000 से 2500 रुपये तक की राशि दी जाती है, और वर्तमान में चार लाख से अधिक बुजुर्गों को इस सहायता का लाभ मिल रहा है.
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