दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता मानसून से पूर्व जलभराव की समस्या के समाधान के लिए सक्रियता से कार्य कर रही हैं. इसी संदर्भ में, बुधवार को उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, मंत्री प्रवेश वर्मा और सांसद बांसुरी स्वराज के साथ दयाल सिंह कॉलेज के निकट स्थित डीटीसी बस डिपो परिसर में सुनहरी नाले का निरीक्षण किया. इस अवसर पर, उन्होंने अधिकारियों को जलभराव की समस्या से निपटने के लिए नालों की सफाई के संबंध में कठोर निर्देश दिए.

मुख्यमंत्री ने तीन दिन पहले भी इस कवर नाले का निरीक्षण किया था और बस डिपो से कबाड़ बसों को हटाने का आदेश दिया था. इस निरीक्षण के दौरान उपराज्यपाल वीके सक्सेना भी उपस्थित रहे. इसके साथ ही, दिल्ली के लोक निर्माण विभाग के मंत्री प्रवेश साहिब सिंह और सांसद बांसुरी स्वराज भी मौके पर पहुंचे. इस अवसर पर संबंधित विभाग के सभी कर्मचारी और अधिकारी भी वहां मौजूद थे. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने जलभराव की समस्या के समाधान के लिए सभी अधिकारियों को सख्ती से कार्य करने के निर्देश दिए.

दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता इन दिनों विभिन्न क्षेत्रों में लगातार दौरे कर रही हैं, जहां लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जबकि मानसून अभी शुरू नहीं हुआ है. मानसून के आगमन से पहले, उन्होंने आज संबंधित अधिकारियों, मंत्रियों और दिल्ली के उपराज्यपाल के साथ मिलकर क्षेत्र का दौरा किया, ताकि यह समझा जा सके कि यहां किन कमियों का सामना करना पड़ रहा है और मानसून के दौरान इन समस्याओं का समाधान कैसे किया जा सकता है. इस संदर्भ में सीएम रेखा गुप्ता ने अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की.

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जलभराव से निपटने के लिए जलशक्ति मंत्री से मिले चहल

एनडीएमसी के अध्यक्ष केशव चंद्रा और उपाध्यक्ष कुलजीत चहल ने वर्षा के समय जलभराव की समस्या के समाधान के लिए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल के साथ एक बैठक आयोजित की. चहल ने जानकारी दी कि एनडीएमसी ने 27 महत्वपूर्ण स्थानों को जलभराव के लिए चिन्हित किया है.

इस बार जलभराव की समस्या से बचने के लिए चर्चा की गई है. इसमें पुराना किला रोड, गोल्फ लिंक, लोधी कॉलोनी, अफ्रीका एवेन्यू, एम्स फ्लाईओवर, बीकेएस मार्ग, कनाट प्लेस और विनय मार्ग शामिल हैं. सुनहरी पुल नाला और पुराना किला रोड जैसे जल निकासी के स्थानों पर सीपीडब्ल्यूडी, एनबीसीसी, रेलवे और अन्य एजेंसियों द्वारा चल रही परियोजनाओं के कारण जल निकासी में बाधा उत्पन्न हो रही है.

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एनडीएमसी इस क्षेत्र में सफाई कार्य कर रही है. इसमें 1,867 मैनहोल, 8,704 बेलमाउथ की सफाई और मुख्य नालों से गाद निकालने का कार्य शामिल है. सफाई का यह कार्य हर 45 दिनों में किया जाता है. जून से इस सफाई का पहला चरण अतिरिक्त रूप से पूरा किया जाएगा.