दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता(Rekha Gupta) ने शुक्रवार को सचिवालय में विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया. इस बैठक में दिल्ली के कैबिनेट मंत्री प्रवेश साहिब सिंह, आशीष सूद, मुख्य सचिव धर्मेंद्र और PWD, शहरी विकास, नगर निगम, NDMC, ट्रैफिक पुलिस, DDA, NHAI, DMRC जैसे सभी संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. बैठक में जलभराव, यातायात समस्याएं, डार्क स्पॉट्स और नालों की सफाई जैसे मुद्दों पर गहन चर्चा की गई.
दिल्ली सरकार के अनुसार, बैठक में सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को जल भराव के प्रत्येक स्थान पर नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए गए हैं. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यदि दिल्ली के किसी क्षेत्र में जलभराव होता है, तो संबंधित अधिकारी इसके लिए जिम्मेदार होंगे. राजधानी दिल्ली की यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए चिन्हित 233 ट्रैफिक कंजेशन पॉइंट्स पर शीघ्र कार्य पूरा करने के निर्देश भी दिए गए हैं. इन कार्यों के बेहतर समन्वय और निगरानी के लिए एक एकीकृत नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाएगा.
MCD और PWD को CM रेखा गुप्ता ने दिए निर्देश
बैठक में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने एमसीडी और पीडब्ल्यूडी को रिंग रोड और अन्य सड़कों की सफाई के लिए विशेष अभियान शुरू करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही, सभी सरकारी संपत्तियों से अवैध बैनर और पोस्टर हटाने के लिए भी आदेश दिए गए. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जो लोग इन आदेशों का उल्लंघन करेंगे, उनके खिलाफ प्रॉपर्टी डिफेसमेंट एक्ट के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी.
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मिशन मोड में काम करने के आदेश
बैठक में सभी विभागों को यह स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे इन मुद्दों पर मिशन मोड में कार्य करें और ऐसी कार्यप्रणाली अपनाएं जो परिणामदायक हो, ताकि दिल्लीवासियों को जलभराव, ट्रैफिक या सुरक्षा से जुड़ी समस्याओं का सामना न करना पड़े. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के अनुसार, दिल्ली सरकार जलभराव से मुक्ति दिलाने के लिए पूरी तरह से तत्पर है और सभी संभावित जलभराव क्षेत्रों का निरीक्षण किया जा रहा है, ताकि समय पर सभी आवश्यक तैयारियां पूरी की जा सकें.
दिल्ली में 194 जलभराव वाले इलाके चिन्हित
दिल्ली सरकार के अनुसार, वर्तमान में दिल्ली में 194 जलभराव वाले क्षेत्रों की पहचान की गई है, जो विभिन्न विभागों जैसे पीडब्ल्यूडी, एनएचएआई, डीएमआरसी, डीडीए, एमसीडी, एनडीएमसी, और डीसीबी के अंतर्गत आते हैं. इनमें से 129 क्षेत्रों में पहले से ही कुछ कार्य पूरे किए जा चुके हैं, जबकि शेष क्षेत्रों पर शीघ्र कार्य पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अतिरिक्त, बैठक में सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को यह स्पष्ट किया गया है कि यदि मानसून के दौरान जलभराव की समस्या उत्पन्न होती है, तो संबंधित अधिकारी को जवाबदेह ठहराया जाएगा.
PWD की रिपोर्ट का थर्ड पार्टी ऑडिट होगा
पीडब्ल्यूडी और एनएचएआई विभाग को जलभराव से प्रभावित क्षेत्रों का संयुक्त निरीक्षण करने और समय पर समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही, पीडब्ल्यूडी को नालों की सफाई के बाद उनकी तस्वीरें अपलोड करने का आदेश दिया गया है. पीडब्ल्यूडी सहित अन्य विभागों की रिपोर्टों का थर्ड पार्टी ऑडिट किया जाएगा. एनडीएमसी के अंतर्गत आने वाले जलभराव क्षेत्रों के समाधान के लिए सरकार एक विशेष बैठक आयोजित करेगी, ताकि दिल्लीवासियों को बरसात के मौसम में किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े.
बैठक में ट्रैफिक समस्या के समाधान के लिए ट्रैफिक प्रबंधन प्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया गया. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि सरकार दिल्ली की यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत है, ताकि ट्रैफिक जाम, सड़क दुर्घटनाएं और अन्य यातायात से संबंधित समस्याओं का स्थायी समाधान किया जा सके. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने अब तक 4,780 डार्क स्पॉट्स की पहचान की है.
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने स्पष्ट किया कि यह केवल एक मौसमी तैयारी नहीं है, बल्कि एक सतत प्रक्रिया है जिसका मुख्य उद्देश्य राजधानी की बुनियादी नागरिक सुविधाओं को सुदृढ़ करना है. उन्होंने कहा कि अब केवल फाइलों में नहीं, बल्कि वास्तविकता में कार्यों का प्रदर्शन होना चाहिए. इसके साथ ही, हर एजेंसी को जिम्मेदार बनाना और प्रणाली में पारदर्शिता लाना दिल्ली की भाजपा सरकार का प्रमुख लक्ष्य है.
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दिल्ली सरकार राजधानी में पानी की चोरी से निपटने के लिए बड़ी कार्रवाई करने जा रही है. रविवार (20 अप्रैल) को बुराड़ी स्थित निरंकारी मैदान से 1,111 GPS युक्त पानी के टैंकरों को दिल्ली सरकार हरी झंडी दिखा कर राजधानी के विभिन्न इलाकों में रवाना करेगी और हर टैंकर की निगरानी सीधे कमांड सेंटर से की जाएगी ताकि तय समय पर पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके.
दिल्ली सरकार के मुताबिक ये टैंकर उन बस्तियों, कॉलोनियों और इलाकों में भेजे जाएंगे जहां पानी की गंभीर किल्लत है या जहां पाइपलाइन की व्यवस्था मौजूद नहीं है और टैंकरों में लगे GPS सिस्टम के जरिए उनकी लोकेशन, रफ्तार और डिलीवरी समय की सीधी निगरानी दिल्ली सरकार के जल मंत्रालय का कमांड सेंटर करेगा.
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