राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज यानी गुरुवार को मंत्रालय में प्रदेश में महिला एवं बच्चों के विरूद्ध अपराध एवं घरेलू हिंसा के प्रकरणों में की गई कार्रवाई की समीक्षा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं एवं बच्चों के विरूद्ध अपराध करने वालों को कड़ी सजा मिले, इसके लिए ऐसे प्रकरणों में न्यायालयों में शासन का पक्ष मजबूती से रखा जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बीते 6 महीनों में अपहृत 5205 बालिकाओं को उनके घर वापस पहुंचाया गया है, जो कि कुल अपहृत 8566 बालिकाओं का 60.8% है। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक बालिका को ढूंढ़कर सही सलामत उसके घर पहुंचाया जाए। बैठक में निर्णय लिया गया कि पुलिस की महिला अपराधा शाखा का नाम बदलकर महिला सुरक्षा शाखा किया जाएगा।

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पुलिस के रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिए कि पुलिस विभाग में रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती की जाए। पुलिस महानिदेशक श्री जौहरी ने बताया कि प्रदेश में पुलिस जवानों के 18 हजार पद रिक्त हैं, जिनकी भर्ती की प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ की जाएगी।

700 थानों में महिला डेस्क

प्रदेश के 700 थानों में महिलाओं की सहायता के लिए ऊर्जा महिला हेल्प डेस्क संचालित की जा रही हैं। इनके माध्यम से महिला अपराधों के प्रकरणों में महिलाओं को राहत एवं सहायता पहुंचाई जा रही है। घरेलू उत्पीड़न के प्रकरणों में आवश्यक काउंसलिंग भी की जा रही है।

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18 प्रकरणों में मृत्यु दंड की सजा यथावत

बताया गया कि प्रदेश में महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के 18 प्रकरणों में न्यायालय द्वारा दी गई मृत्यु दंड की सजा को उच्च न्यायालय द्वारा यथावत रखा गया है। अब प्रकरण सर्वोच्च न्यायालय में हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि सर्वोच्च न्यायालय में प्रकरणों में शासन का पक्ष मजबूती से रखा जाए।

महिला पुलिस वॉलेंटियर योजना

केन्द्र सरकार द्वारा महिला पुलिस वॉलेंटियर योजना के संचालन के लिए प्रदेश के 2 जिलें मुरैना एवं विदिशा का चयन किया गया है। योजना के अंतर्गत प्रत्येक गाँव, वार्ड में एक महिला पुलिस वॉलेंटियर बनाई जाएगी, जो महिलाओं के विरूद्ध अपराध के संबंध में कार्रवाई में सहायता करेगी। उन्हें एक हजार रूपए प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा।

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रोजगार के लिए प्रतिमाह अभियान चलाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराधों का एक कारण बेरोजगारी भी है। प्रदेश में प्रतिमाह हर जिले में रोजगार अभियान चलाया जाए, जिसके माध्यम से अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार दिलवाया जाए।

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