रायपुर। छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर बसे नक्सलियों के गढ़ कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर देश का सबसे बड़ा एंटी नक्सल ऑपरेशन 9 दिन से जारी है. वहीं नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के बढ़ते दबाव के चलते हाल ही में 2 बार शांति वार्ता का प्रस्ताव भी भेजा, लेकिन सरकार ने इससे इंकार करते हुए कहा कि या तो माओवादी आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटे या फिर जवानों के हाथों लड़ते-लड़ते जान गंवा दें. चुनाव उनका है. लेकिन इस पर तेलंगाना की कांग्रेस सरकार ने नक्सलियों की शांति वार्ता को समर्थन दिया है और इस एंटी नक्सल ऑपरेशन में आदिवासियों की जान लेने का आरोप लगाया है. छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय ने तेलंगाना सीएम के इस बयान की कड़ी निंदा की है.

सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि तेलंगाना के सीएम का जो बयान है उसका मैं निंदा करना चाहूंगा… हम जब से सरकार में आए हैं, तब से नक्सलियों से यह कहते आए हैं कि आप हिंसा और गोली-बंदूक की भाषा छोड़िए, विकास की मुख्यधारा से जुड़िए, आपके साथ सरकार न्याय करेगी. सरकार आपका पुनर्वास अच्छे से कराएगी, आपकी स्किलिंग कराएगी. इसका परिणाम भी सामने आया है कि आज सैकड़ों नक्सलियों ने समर्पण भी किया है और सरकार उनके साथ न्याय भी कर रही है.

उन्होंने आगे कहा कि हम (सरकार) नक्सलियों के लिए अलग से 15 हजार आवास भारत सरकार से सेंशन भी कराए हैं.उनको दे भी रहे, स्किलिंग भी करा रहे हैं. साथ ही उनके बच्चों को नौकरी भी दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार हर तरह से उनके साथ उदार व्यवहार कर रही है. लेकिन बार-बार शांति वार्ता का कोई मतलब नहीं है. क्योंकि हम शुरू से ही उनसे बातचीत को तैयार थे.
सीएम साय ने कहा कि तेलंगाना मुख्यमंत्री का यह कहना कि नक्सलियों के रूप में आदिवासियों की हत्या की जा रही है, तो यह काफी गलत है. आज जो तरह-तरह के हथियारों के साथ जो पहाड़ी में छुपे हैं, वे कितनों को मुखबिरी का दोषारोपण कर हत्या करते हैं… रास्तों में IED ब्लास्ट करते हैं, जिससे कितने ही निर्दोषों की जान चली जाती है, क्या यह उन्हें (तेलंगाना सीएम) को दिखता नहीं है? इसे भी पढ़ें: ANTI NAXAL OPERATION: नक्सलियों के गढ़ में जवानों ने लहराया तिरंगा, देखें VIDEO…

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