भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अंतर्राष्ट्रीय समन्वय भवन में आयोजित सहकारिता दिवस के मौके पर ‘सहकारिता के माध्यम से बेहतर पुनर्निर्माण’ कार्यक्रम में शामिल हुए। जहां मुख्यमंत्री ने विपणन सहकारी संघ तथा आवास सहकारी संघ द्वारा स्वीकृत 55 गोदामों का लोकार्पण तथा 144 गोदामों का शिलान्यास डिजिटली किया। इन कार्यों की लागत लगभग 77 करोड़ 75 लाख रुपये है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कोल्ड स्टोरेज राऊ इंदौर, पैक्स बोरखेड़ा सीहोर, पैक्स लटेरी विदिशा और पैक्स बोरक्षार अलीराजपुर के सदस्यों से ऑनलाइन संवाद भी किया।
जबलपुर में 1904 में स्थापित हुआ सहकारी बैंक
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में सहकारिता का इतिहास बहुत पुराना है। जबलपुर के सीहोरा में 1904 में सहकारी बैंक स्थापित हुआ। प्रदेश में सहकारिता के क्षेत्र मे सफलतम प्रयास हुए हैं। प्राथमिक सहकारी समितियां खाद और बीच के लिए किसानों का सबसे बड़ा सहारा है। किसानों को शून्य-प्रतिशत पर कर्ज की सुविधा से बहुत राहत मिली है।
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सहकारिता से संभव हुआ कोरोना नियंत्रण
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना नियंत्रण भी सहकारिता से ही संभव हुआ। प्रदेश में बना जन-भागीदारी मॉडल सहकारिता का ही रूप है। नगर से लेकर ग्राम और वार्ड स्तर तक बनी क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियों ने जिम्मेदारी संभाली। किसी भी काम के लिए सबके साथ आने से मिलने वाले परिणामों को पूरी दुनिया ने देखा। प्रदेश के जन-भागीदारी मॉडल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सराहा है।
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सांची ब्रांड ने बनाई पहचान
सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि सहकारिता में एक व्यक्ति की कोशिश कितना विशाल स्वरूप ले लेती है, यह डॉ. कुरियन द्वारा आरंभ-श्वेत क्रांति ने सिद्ध किया। आज अमूल जैसा संगठन पूरी दुनिया को टक्कर दे रहा है। मध्यप्रदेश के सांची ब्रांड ने भी अपनी पहचान बनाई है। संतरों के लिए मालवा फ्रैश ब्रांड के साथ नीमच के लहसुन, बुरहानपुर के केले, अमरकंटक की गुल बकावली, डिंडौरी की कोदो-कुटकी सहित प्रदेश की वनोपज और जड़ी-बूटियों में कई संभावनाएं हैं।
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सहकारिता आंदोलन से ही होगा आत्म-निर्भर भारत का निर्माण
मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारी आंदोलन से ही आत्म-निर्भर भारत का निर्माण होगा। सहकारिता में लोगों को जोड़ने और दिशा देने की अद्भुत क्षमता है। कोरोना काल की विपदा में सहकारिता बेहतर पुनर्निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर सकती है। परिवहन, मत्स्य उत्पादन, गृह निर्माण, ग्रामीण पर्यटन, वाइल्ड लाइफ टूरिज्म जैसे क्षेत्रों में सहकारिता के आधार पर गतिविधियों के संचालन से रोजगार और व्यापार के नए अवसर बनेंगे। इस संबंध में विषय विशेषज्ञों को जोड़कर नए विचारों पर कार्य करना होगा। मुख्यमंत्री ने सहकारिता से जुड़े अधिकारियों और प्रतिनिधियों से कहा कि आप नवाचार करें-इतिहास रचें मैं आपके साथ हूँ।
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सहकारिता का गलत उपयोग न हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारिता के अंतर्गत संचालित गतिविधियों का गलत उपयोग न हो। निरंतर मॉनिटरिंग और सतर्कता आवश्यक है। सहाकरिता के सिद्धांत पर गठित गृह निर्माण समितियों में प्लाट हड़पने के कई प्रकरण सामने आएं हैं। अब तक 6 हजार प्लाट पात्र व्यक्तियों को वापस दिलाए जा चुके हैं। अन्य के संबंध में भी कार्यवाही जारी है। अत: सहकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और उद्देश्य की स्पष्टता को बनाए रखना आवश्यक है।
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सहकारिता में नवाचार आवश्यक – मंत्री डॉ. भदौरिया
सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ने कहा कि सहकारिता हमारे देश और समाज की रग-रग मे बसी है। समाज की आवश्यकताओं के अनुरूप कार्य क्षेत्र में परिवर्तन आवश्यक है। मंत्री डॉ. भदौरिया ने उद्यानिकी, खनिज, श्रम और सहकारिता क्षेत्र में नवाचार की आवश्यकता बताई। डॉ. श्री भदौरिया ने जानकारी दी की अब सहकारी संस्थाओं का ऑन लाइन पंजीयन 45 दिन के अंदर हो रहा है। सहकारी न्यायालयों में प्रस्तुत होने वालों प्रकरणों की भी ऑन लाइन प्रक्रिया से सुनवाई की जा रही है।
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