भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में गेहूँ उपार्जन के बाद किसानों को राशि के भुगतान का कार्य बिना विलंब के किया जाए. किसानों को कोई दिक्कत नहीं होना चाहिए. उपार्जन केन्द्रों पर आवश्यक बैठक व्यवस्था और पेयजल प्रबंध भी होना चाहिए. उपार्जित गेहूँ की सुरक्षा, तोल काँटे, हम्माल की व्यवस्था, परिवहन कार्य और अनाज को गोदाम तक पहुँचाने का कार्य भी सुचारू रूप से किया जाए. जहाँ ओलावृष्टि से गेहूँ की फसल को क्षति पहुँची है और चमकविहीन गेहूँ उपार्जित हुआ है. उसके लिए किसानों को पूर्ण राशि का भुगतान किया जाए. इस कार्य में जन-प्रतिनिधि भी सहयोग करें. मुख्यमंत्री चौहान आज समत्व भवन से वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा कलेक्टर्स से चर्चा कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में लाड़ली बहना योजना के लिए आवेदन दर्ज किए जाने के कार्य में जन-प्रतिनिधियों के सहयोग, प्रशासनिक अमले की सक्रियता एवं किए गए परिश्रम के लिए बधाई दी.

डिफाल्टर किसानों को मिलेगी राशि, ओलावृष्टि से नुकसान के लिए भी राहत

मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि कर्जमाफी के चक्कर में जो किसान डिफाल्टर मान लिए गए थे, उनके ब्याज की राशि का भुगतान राज्य सरकार शीघ्र करेगी. प्रदेश में 17 मार्च के बाद और अप्रैल के प्रथम सप्ताह में हुई ओलावृष्टि से संबंधित सर्वे कार्य लगभग पूर्णता की ओर है. राज्य शासन द्वारा राहत राशि के लिए नई दरों का निर्धारण भी किया गया है. उसके अनुसार ही किसानों के खातों में राशि का अंतरण शीघ्र किया जाएगा. इसके लिए आवश्यक तैयारियाँ अंतिम चरण में है.

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10 मई से 25 मई होगा जन-समस्याओं का समाधान

मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 10 से 25 मई की अवधि में प्रदेश में नामांतरण और बँटवारा के साथ सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों का शिविर लगा कर समाधान किया जाएगा. यह कार्य गत वर्ष लगाए गए मुख्यमंत्री जन सेवा शिविर की तर्ज पर होगा. इसके लिए कलेक्टर्स आवश्यक तैयारियाँ प्रारंभ करें. शहरों में वार्ड स्तर और ग्राम पंचायतों में शिविर लगा कर जनता की समस्याओं को हल किया जाएगा.

लाड़ली बहना योजना में पात्र बहनों का ही हो पंजीयन

मुख्यमंत्री ने कहा कि लाड़ली बहना योजना के प्रति पूरे प्रदेश में जागरूकता देखी जा रही है. बहनों में योजना के प्रति उत्साह है, वे आनंदित हैं और भागीदारी के लिए आगे आई हैं. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि परित्यक्ताओं को भी योजना से जोड़ा जाए. योजना के प्रचार-प्रसार के लिए पारम्परिक प्रचार माध्यमों जैसे नाटक, कठपुतली, गीत, दीवार लेखन, पेंटिंग आदि का उपयोग किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने डिण्डौरी, धार, दतिया, श्योपुर, उज्जैन, मंदसौर और शिवपुरी जिलों के कलेक्टर्स एवं जन-प्रतिनिधियों से योजना में हो रहे पंजीयन की जानकारी भी प्राप्त की.

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कलेक्टर्स ने बताया कि अभिनव प्रयोग कर योजना का प्रचार किया जा रहा है. इसमें थर्ड जेण्डर का सहयोग लेते हुए योजना की बात बहनों तक पहुँचाई जा रही है. डिण्डोरी जिले में हाट बाजार और मंदिर प्रांगणों में बहनों को योजना की जानकारी दी गई है. बैगा चक क्षेत्र तक योजना का संदेश पहुँचा है. मुख्यमंत्री जन सेवा मित्र, पेसा मोबेलाइजर्स और जन अभियान परिषद के सदस्य भी सहयोगी बने हैं. धार जिले के जनजातीय बहुल क्षेत्रों में कम्युनिटी रेडियो से निमाड़ी बोली में संदेश पहुँचाए गए हैं. श्योपुर जिले में आजीविका मिशन की दीदियाँ सहयोग कर रही हैं. संचालक महिला-बाल विकास ने बताया कि प्रदेश में आज दिनाँक तक 92 लाख 9 हजार 881 आवेदन सफलतापूर्वक दर्ज हो चुके हैं. गुरूवार 13 अप्रैल को 4 लाख 50 हजार 409 आवेदन हुए हैं. मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

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