लखनऊ। मुख्यमंत्री ने जनहित की विकास परियोजनाओं या प्रोजेक्ट में अनावश्यक देरी पर कड़ी नाराजगी जताई है. गुरुवार को विभिन्न विकास परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए उन्होंने अधिकारियों को साफ शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि जनहित के कार्यों में किसी प्रकार की लापरवाही अक्षम्य है. किसी प्रकार की गड़बड़ी, भ्रष्टाचार या अनावश्यक लेटलतीफी की सूचना मिली तो संबंधित अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव स्तर के अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य सचिव को सभी 18 मंडलों में संचालित महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. वहीं, अपर मुख्य सचिव वित्त को बीते पांच महीने में विभागों को जारी परियोजनावार बजट, अब तक हुए व्यय का विवरण और अवशेष राशि के संबंध में विस्तृत आख्या तैयार करने का निर्देश भी दिया है. इसके बाद अगले सप्ताह एक बार फिर मुख्यमंत्री परियोजनावार हुए कार्यों की समीक्षा करेंगे.

समय का ध्यान दें- सीएम

शासन स्तर के अधिकारियों के साथ जिलावार समीक्षा करते हुए सीएम योगी ने कहा कि विकास परियोजनाओं में देरी से ना केवल जनता के धन की बर्बादी होती है, बल्कि जनहित भी प्रभावित होता है. ऐसे में परियोजनाओं की गुणवत्ता और समयबद्धता पर विशेष ध्यान दिया जाए.

देरी करने की प्रवृत्ति छोड़ दें- सीएम

सीएम ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि परियोजना के लिए तय नियमों के अनुरूप धनराशि का आवंटन किया जाता रहे. अनावश्यक विलंब करने की प्रवृत्ति छोड़ दें. विकास कार्यों के लिए धन का कोई अभाव नहीं है. इस संबंध में आवश्यकतानुसार वित्त विभाग और मुख्यमंत्री कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है. विकास परियोजनाओं की शुचिता, पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कार्यदायी संस्था चयन में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की प्रवृत्ति को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता जताई.

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