अयोध्या. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को श्रीराम नगरी अयोध्या पहुंचे. यहां उन्होंने सबसे पहले हनुमानगढ़ी में श्रीहनुमान जी के दर्शन किए. सीएम यहां देश की पहली सोलर सिटी श्री अयोध्या धाम में ‘श्री हनुमत कथा मण्डपम’ के लोकार्पण समारोह में सहभागी बनने के लिए पहुंचे.

सीएम ने अपने संबोधन में कहा कि अयोध्या धाम में जो भी आता है वो राम मंदिर, हनुमानगढ़ी और माता सरयू के दर्शन के लिए जरूर जाता है. हमेशा ये चर्चा होती थी कि हनुमानगढ़ी का भी अपेक्षित विकास होना चाहिए. क्योंकि एक ऐसी विरासत हनुमानगढ़ी के पास, जिन्होंने सदैव योद्धा भाव के साथ इन्हीं सनातन धर्म की रक्षा करने लिए अपने आपको तैयार किया. अब हर कोई बोलेगा हनुमानगढ़ी अब भक्ति और शक्ति के साथ-साथ बुद्धि और युक्ति का भी एक संगम बन चुका है. उन्होंने कहा कि ये कथा मण्डपम बाबा अभयदास जी की कल्पना को अभिव्यक्त कर रहा है.
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सीएम ने कहा कि सैकड़ों वर्षों के बाद गद्दीनशीन जी ने हिम्मत की कि मैं राममंदिर के दर्शन के लिए निकलूंगा. आखिर अयोध्या में जो कुछ भी है, यहां की रक्षा के लिए हनुमान जी तो हैं ही, लेकिन यहां के इष्ट तो रामलला ही हैं. यहां सनातन धर्म के इतिहास में ऐसा कार्य हुआ है जिसे हम कह सकते हैं ना भूतो ना भविष्यति.
योगी ने कहा कि 2017 के पहले अयोध्य के हनुमानगढ़ी के संत जब कहीं जाते थे यात्रा के दौरान कितनी कठिनाई होती थी. लोग आदर के भाव से नहीं देखते थे. आज आप कहीं भी जाएंगे अयोध्या का नाम बोलेंगे तो सामने वाला व्यक्ति आपके सामने झुककर आपका सम्मान करता दिखेगा. अयोध्या धाम का नाम सुनते ही अगले व्यक्ति के मन में एक नया उत्साह देखने को मिलता है. आज अयोध्या भव्य दिख रही है.
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योगी ने कहा कि गोरक्षपीठ का संबंध अयोध्या से कई पीढ़ी का है. हम यहां आते थे. कितनी अव्यवस्था थी. अयोध्या अपने अस्तित्व के लिए भटक रही थी. अब कोई यहां आता है वो देखकर हैरान होता है कि ये वही जन्मभूमि है. वही अयोध्या है जिसमें मैं पांच साल पहले आया था. अयोध्या में विकास हुआ है.
मित्र और शत्रु को पहचानने की जरूरत- योगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भगवान राम-कृष्ण-बाबा विश्वनाथ की विरासत है उसे आगे बढ़ाने के लिए हम काम कर रहे हैं. कुंभ का दिव्य और भव्य आयोजन हुआ. जो यहां आया वो अभिभूत होकर गया. हमें समय रहते अपने मित्र और शत्रुओं को पहचानने की आवश्यकता है. हम उनसे सावधान हों जो सनातन के अवरोध हों और जो भारत की सुरक्षा में सेंध लगाने की चेष्टा करते हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह से हनुमान जी महराज कालनेमी को पहचान गए थे उसी तरह हमें भी विधर्मियों को पहचानने की जरूरत है.
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