लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को लोकभवन में 1573 स्वास्थ्य कार्यकर्ता (एएनएम) को नियुक्ति पत्र वितरित किया. मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 1573 एएनएम प्रदेश की तस्वीर बदलने के लिए है. नीति आयोग की रिपोर्ट बता रही है कि यूपी बीमारू राज्य से बाहर निकला है. पहले करीब पौने छह करोड़ दिन हीन स्थिति में थे. अब करीब इनके जीवन यापन में सुधार हुआ है. दो साल में स्वास्थ्य शिक्षा क्षेत्र में लगातार सुधार हो रहा है. 

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि बहराइच, बस्ती संभल, खीरी, बांदा सहित कई जिलों में पूर्वर्ती सरकार ने ध्यान नहीं दिया. यहां अभियान चलाया गया, जिसकी वजह से व्यापक स्तर पर सुधार हुआ. 100 असेवित  ब्लाक चुने गए. वहां सुधार हुआ. टीकाकरण का कवरेज 98 फीसदी हो गया है. इसमें एएनएम की बड़ी भूमिका है. आशा वी एएनएम की ताकत का मूल्यांकन नहीं किया गया, लेकिन अब इनकी ताकत का अहसास हो गया है. पहले गोरखपुर में इंसेफेलाइटिस से बच्चे मरते थे. लेकिन 2017 के बाद बच्चों की मौत नहीं हो रही है. 

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सीएम योगी ने कहा कि पहले 10 से 15 जिलों में कोई मेडिकल कॉलेज नहीं था. सिर्फ गोरखपुर में था. जहां बच्चों की निरंतर मौत होती थी लेकिन 2017 के बाद हालात बदले हैं. अब पूर्वांचल में बच्चे को लेकर भय नहीं है. लोगों को भरोसा है. स्वस्थ विभाग को नोडल बनाया गया. अब यह बीमारी यूपी से समाप्त हो गई है. अब इंसेफेलाइटिस से एक भी बच्चे की मौत नहीं होती है. पहले 12से 15 सौ बच्चे की मौत हुई. इस मौत को रोकने के लिए टीम लगी, जिसमे डॉक्टर से लेकर एएनएम तक ने भूमिका निभाई.

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